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नई दिल्ली । लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दूसरे दिन मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस ऑपरेशन पर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार से पूछा कि पाकिस्तान के पीछे कौन सा देश खड़ा है? उन्होंने कहा कि हमें चीन से उतना ही खतरा है, जितना देश को आतंकवाद से खतरा है।
उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि सरकार ने ऐसे समय जब देश की सेनाएं बढ़त में थीं तो सीजफायर क्यों किया गया? इसके बाद उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर पर एक्स पोस्ट पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी रणनीति बनानी चाहिए कि सीमाएं हमेशा शांत रहें। पहलगाम की घटना ने साबित कर दिया कि लापरवाही बहुत से लोगों की जान ले सकती है। जिस दिन पहलगाम हमला हुआ, उस समय हर नागरिक ने सुरक्षाकर्मियों की गैर-मौजूदगी पर सवाल उठाए। जम्मू-कश्मीर में लोग सरकार के आश्वासन पर पर्यटन करने गए थे।
उन्होंने खुफिया तंत्र की विफलता पर सवाल उठाते हुए जिम्मेदारी तय करने की मांग की। अखिलेश यादव ने कहा कि पहलगाम हमले के समय खुफिया तंत्र की विफलता की जिम्मेदारी किसकी है? इससे पहले पुलवामा हमले में भी खुफिया तंत्र की विफलता की जिम्मेदारी नहीं तय की गई।
अखिलेश ने ऑपरेशन सिंदूर को सरकार की विफलता बताते हुए ट्रंप की भूमिका को लेकर भी केंद्र से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर देश की सरकार की विफलता का प्रतीक है। इससे बड़ी विफलता सरकार की और कुछ नहीं हो सकती। इस अपरेशन के दौरान विदेशी लोगों ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान का युद्ध रुकवाया। इससे देश की संप्रभुता को धक्का लगा, लेकिन एक बार भी इसका खंडन नहीं किया गया। देश की विदेश नीति पूरी तरह फेल है। ऑपरेशन सिंदूर और पहलाम हमले पर दुनिया के किसी देश ने हमारा साथ नहीं दिया। यह हमारी विदेश नीति का संकटकाल है।
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