Since: 23-09-2009

  Latest News :
पीएम मोदी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का भव्य स्वागत.   बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा करने वाले TMC विधायक हुमायूं कबीर .   सरकार ने बदला फैसला: संचार साथी ऐप अब अनिवार्य नहीं.   प्रधानमंत्री कार्यालय का नाम अब ‘सेवा तीर्थ’.   फिल्म \'धुरंधर\' पर दिल्ली हाई कोर्ट का सेंसर बोर्ड को निर्देश.   प्रधानमंत्री मोदी ने शिवगंगा बस दुर्घटना में 11 लोगों की मौत पर जताया दुख.   भोपाल के बड़े तालाब में शुरू हुआ शिकारा सफर.   पर्यटन के लिए MP के बढ़ते कदम: भोपाल में डल झील जैसा अनुभव.   भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी पर सरकारी अवकाश.   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर को दिया आधुनिक गीता भवन का तोहफा.   रायसेन जिले के बरेली में बड़ा हादसा 40 साल पुराना पुल भरभराकर ढहा.   एनएसयूआई ने फार्मेसी काउंसिल अध्यक्ष संजय जैन काे छात्र से मारपीट के मामले में तत्काल पद से हटाने की मांग की.   CM विष्णु देव साय बोले: \'संविधान में आस्था रखकर आगे बढ़ रहा है भारत\'.   पीसीसी चीफ दीपक बैज का भाजपा पर हमला: सत्ता के लिए झूठ का आरोप.   जंगल, नदी और पहाड़ पार कर मतदाताओं तक पहुँच रहे कर्मचारी.   मतदाता सूची सुधार कार्य के दौरान बीएलओ के साथ अभद्रता .   हिड़मा की मौत के बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सलवाद खात्मे की कगार पर.   छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 37 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण.  
मानव तस्करी मामले में एनआईए अदालत ने दो नन सहित तीन लोगों को मिली ज़मानत
bilaspur,NIA court granted bail, human trafficking case

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले की एक विशेष एनआईए अदालत ने शनिवार को मानव तस्करी के एक मामले में दाे नन और एक युवक को सशर्त जमानत दे दी है। जिसका फैसला बीते शुक्रवार को सुरक्षित रखा था। इस मामले में केरल की नन प्रीति मैरी, वंदना फ्रांसिस और सुखमन मंडावी को सशर्त जमानत मिल गई है।

 

बचाव पक्ष के अधिवक्ता बी गोपा कुमार ने बताया कि सशर्त जमानत दी गई है। जिसमें सभी को 50 हजार का बांड और वीजा व पासपोर्ट जमा करने की रखी गई। वहीं बिना न्यायालय की इजाजत के देश के बाहर जाने की मनाही जैसी शर्त लगाई गई है। कोर्ट के फैसले पर सबकी नजर टिकी हुई थी। मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में गिरफ्तार केरल की दो ननों सहित तीन व्यक्तियों द्वारा दायर ज़मानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। वकीलों ने तर्क दिया था कि मानव तस्करी या जबरन धर्म परिवर्तन का कोई ठोस सबूत नहीं है। वहीं इस मामले में हुई सुनवाई में न्यायालय के सामने 143 की धारा 3 पर जिरह की गई और बचाव पक्ष के वकीलों ने युवती के माता पिता के बयान की लिखित प्रति पेश की है। जिसमें परिजन की इजाजत से जाने की बात लिखा गया है।

 

आरोपी नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस, नारायणपुर निवासी सुकमन मंडावी के साथ, 25 जुलाई से जेल में हैं, जब उन्हें दुर्ग रेलवे स्टेशन पर जीआरपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दुर्ग की एक सत्र अदालत द्वारा क्षेत्राधिकार संबंधी विवाद उठाए जाने और राज्य सरकार की इस दलील को स्वीकार करने के बाद कि मामला विशेष एनआईए अदालत में भेजा गया, उनकी ज़मानत याचिका बिलासपुर की एनआईए अदालत में स्थानांतरित कर दी गई। जिसके बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एनआईए अदालत) सिराजुद्दीन कुरैशी के समक्ष बहस के दौरान, बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि दोनों नन जो समाज सेवा में थीं और अपराधी नहीं थीं। अधिवक्ता अमृतो दास ने कहा, "हमने यह भी तर्क दिया कि नारायणपुर की तीन महिलाओं को नर्सों के साथ यात्रा करने के लिए मजबूर करने के लिए कोई बल प्रयोग नहीं किया गया था। अधिवक्ता दास ने कहा, "अदालत के सामने कहा गया कि माता-पिता का बयान पढ़ा कि वे पहले से ईसाई धर्म का पालन कर रहे हैं। इसमें यह भी कहा गया कि माता-पिता जानते थे कि महिलाएं के साथ काम के लिए जा रही थीं और उन्होंने खुद उन्हें भेजा था। वही अभी इस मामले में सुरक्षित फैसला सार्वजनिक कर दिया है। वहीं सभी तीन आरोपियों को सशर्त जमानत दे दी गई है।

 

 

 

 

 

MadhyaBharat 2 August 2025

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.