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भाेपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दाैरान कांग्रेस विधायक सचिन यादव द्वारा बच्चाें की गुमशुदगी काे लेकर पूछे गए सवाल में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। विधायक के सवालों पर मिले जवाब के मुताबिक मप्र में बीते साढे़ चार सालों में करीब 58 हजार से ज्यादा बच्चे गुम हुए हैं। इनमें 47 हजार बेटियां और 11 हजार बेटे गायब हुए हैं। बच्चों के गुम होने की जो जानकारी विधानसभा में दी गई है। उसमें ये सामने आया है कि सबसे ज्यादा बच्चे इंदौर से गायब हो रहे हैं। बच्चाें की गुमशुदगी के आंकड़ाें पर मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने चिंता जताई है। इसके साथ ही उन्हाेंंने सरकार से गुमशुदा बच्चों को खोजने के लिए विशेष टास्क फ़ोर्स का गठन करने की मांग की है।
कमलनाथ ने साेमवार काे सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जारी बयान में कहा, 'मध्य प्रदेश में बीते साढे़ चार साल में करीब 58 हजार से ज्यादा बच्चे गुम हुए हैं। इनमें 47 हजार बेटियां और 11 हजार बेटे गायब हुए हैं। सबसे ज्यादा बच्चे इंदौर से गायब हो रहे हैं। इंदौर शहर के जिन थानों से बच्चे गायब हो रहे हैं उनमें, बाणगंगा थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 449 बेटियां गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर लसूडिया से 250, चंदन नगर से 220, आजाद नगर से 178, द्वारका पुरी से 168 बेटियां गुम हुई हैं। बच्चियों के गुम होने के मामले में धार जिला दूसरे नंबर पर है।'
कमलनाथ ने आगे कहा, 'इतनी बड़ी संख्या में बच्चों का ग़ायब होना प्रदेश की क़ानून व्यवस्था के माथे पर कलंक है। अगर हम अपनी बच्चियों और बच्चों को भी सुरक्षित नहीं रह सकते तो प्रदेश के भविष्य कैसे सुरक्षित रखेंगे। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि गुमशुदा बच्चों का पता लगाने के लिए स्पेशल टास्क फ़ोर्स गठित की जाए। आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उच्च तकनीक के ज़माने में बच्चों का पता लगाना असंभव बात नहीं है। अगर दृढ़ इच्छा शक्ति और मज़बूत इरादे का परिचय दिया जाए तो इनमें से बहुत से नौनिहाल अपने माता-पिता को वापस मिल सकते।'
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