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नई दिल्ली । स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना लॉन्च करने का ऐलान करके देश के युवाओं को एक बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री के ऐलान के मुताबिक इस योजना के तहत निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी करने वाली युवाओं को सरकार की ओर से 15,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। ये योजना आज से ही लागू हो रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि इस योजना से देश के 3.50 करोड़ से अधिक युवाओं को फायदा होगा। इसके लिए 1 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 15 अगस्त के दिन हम देश के युवाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपये की योजना शुरू कर रहे हैं। इसके तहत जो युवा निजी क्षेत्र में पहली बार नौकरी करेंगे, उन्हें सरकार की ओर से 15,000 रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही, जो कंपनी ज्यादा रोजगार के अवसर बनाएंगी, उन्हें भी प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
इस संबंध में उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री विकसित भारत योजना अलग-अलग सेक्टर में रोजगार के नए अवसरों के सृजन को प्रोत्साहित करेगी। इसमें भी सबसे अधिक फोकस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर होगा। इस योजना को दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं के बारे में जानकारी दी गई है। दूसरे भाग में नौकरी देने वाली कंपनियों यानी नियोक्ता के संबंध में बताया गया है।
निजी क्षेत्र में नौकरी के जरिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पहली बार पंजीकृत होने वाले युवाओं को दो किस्तों में अधिकतम 15,000 रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। योजना के तहत पहली किस्त 6 महीने की नौकरी पूरी होने के बाद दी जाएगी, जबकि दूसरी किस्त कर्मचारियों द्वारा 12 महीने की नौकरी पूरी कर लेने और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम (फाइनेंशियल लिटरेसी प्रोगाम) को पूरा कर लेने के बाद दी जाएगी। हालांकि वित्तीय सहायता वाली इस योजना का फायदा उन कर्मचारियों को ही मिलेगा, जिनका वेतन अधिकतम 1 लाख रुपये होगा। इससे अधिक वेतन वाले कर्मचारियों को इस योजना का फायदा नहीं मिल सकेगा।
इस योजना के जरिए सरकार युवाओं को नौकरी देने वाली कंपनियों को भी लाभ देगी। प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में युवाओं के लिए रोजगार का सृजन करने वाली कंपनियों को प्राथमिकता मिलेगी। इसके तहत कंपनियों को 2 साल तक हर महीने हर कर्मचारी के लिए 3,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। हालांकि कंपनियों को कर्मचारियों की नौकरी के एवज में तभी भुगतान किया जाएगा, जब कर्मचारी कम से कम 6 महीने तक नौकरी करता रहे। योजना के प्रावधानों में ये भी स्पष्ट किया गया है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए ये इंसेंटिव 2 साल की अवधि पूरा होने के बाद तीसरे और चौथे साल में भी जारी रहेगा।
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