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भोपाल। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह ने सीधी के संजय गांधी स्मृति शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को पत्र लिखकर कहा है कि सिंगरौली व सीधी जिलों के कॉलेजों को इससे संबद्ध किया जाए|
अजय सिंह ने साेमवार काे मुख्यमंत्री डाॅ. माेहन यादव काे लिखे अपने पत्र में कहा कि यहाँ के छात्रों को परीक्षा या अन्य प्रशासनिक कार्यों हेतु रीवा तक की लंबी यात्रा करनी पड़ती है, जो प्रायः 150 किलोमीटर से अधिक होती है। इसमें 5-6 घंटे तक का समय लग जाता है। इससे उन्हें निरंतर असुविधा और आर्थिक भार झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि 1968 में एपीएस विश्वविद्यालय की स्थापना के समय इसके अधीन रीवा, सीधी, सतना, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, पन्ना, छतरपुर एवं टीकमगढ़ जिलों के कॉलेज संबद्ध थे। कालांतर में प्रशासनिक सुविधा के लिए पन्ना, छतरपुर और टीकमगढ़ के कॉलेजों को सागर विश्वविद्यालय से संबद्ध किया गया था। हाल ही में पंडित शंभूनाथ शुक्ल शासकीय महाविद्यालय, शहडोल को विश्वविद्यालय में अपग्रेड कर शहडोल, उमरिया और अनूपपुर के कॉलेजों को उससे संबद्ध किया गया। इसका स्पष्ट उद्देश्य था कि छात्रों को अपनी शैक्षणिक और प्रशासनिक समस्याओं के समाधान के लिए दूर न जाना पड़े। हाल के वर्षों में प्रदेश में पाँच नए शासकीय पीजी महाविद्यालयों को विश्वविद्यालयों में रूपांतरित किया गया है| इनमें सागर में रानी अवंतीबाई लोधी विश्वविद्यालय,खरगोन में क्रांतिकारी भील जननायक टंट्या भील विश्वविद्यालय,गुना में तात्या टोपे विश्वविद्यालय,छिंदवाड़ा में राजा शंकरशाह विश्वविद्यालय,और शहडोल में पंडित शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शामिल हैं|
अजयसिंह ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि छात्रहित एवं लोकहित को ध्यान में रखकर सीधी में संजय गांधी स्मृति शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया जाए तथा सीधी और सिंगरौली जिलों के 50 से अधिक कॉलेजों को इससे संबद्ध किया जाए। यह कदम न केवल इन क्षेत्रों के छात्रों को सुविधा और समान अवसर प्रदान करेगा, बल्कि राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली को भी अधिक सुदृढ़, विकेन्द्रीकृत और समावेशी बनाएगा।
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