Since: 23-09-2009
रायपुर । छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट में तीन नए मंत्रियों को शामिल किया गया है। बुधवार को तीन विधायक राजेश अग्रवाल, खुशवंत साहेब और गजेंद्र यादव को राजभवन में राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार कुल 14 मंत्री हो गए हैं। 90 विधानसभा सीट 15 फीसदी का आंकड़ा लेकर हरियाणा फार्मूले को फॉलो करते हुए कुल 14 मंत्री बनाए गए हैं। अभी नव नियुक्त मंत्रियों के मंत्रालयों की घोषणा नहीं की गई है।
विधानसभा चुनाव 2023 में दुर्ग से कांग्रेस के अरुण वोरा को हराने वाले 1978 में जन्में यादव समाज के नेता और संघ की पृष्ठभूमि वाले गजेंद्र यादव की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई दुर्ग में हुई है। एमए तक की पढ़ाई पंडित रवि शंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से उन्होंने की है। उल्लेखनीय है कि राज्य के ओबीसी वर्ग में साहू समाज के बाद सर्वाधिक जनसंख्या यादव समाज की है।
विधानसभा चुनाव में राजेश अग्रवाल ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे टी एस सिंहदेव को 94 मतों से मात देकर जीत दर्ज की थी। साल 2018 के चुनाव में सरगुजा संभाग से भाजपा का सूपड़ा साफ करने के पीछे टी एस सिंहदेव ही प्रमुख रणनीतिकार थे, लेकिन साल 2023 के विधानसभा चुनाव आते-आते समीकरण तेजी से बदल गए। साल 2018 में कांग्रेस छोड़कर राजेश अग्रवाल भाजपा में हुए थे शामिल हुए थे। साल 2023 में पहली बार वे बने विधायक बने ।व्यवसायी राजेश अग्रवाल की शुरुआती शिक्षा भोपाल में हुई। राजेश अग्रवाल के पास कुल 10 करोड़ रुपये की संपत्ति है।उनके खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है।
आरंग सीट से विधायक और अब मंत्री खुशवंत सिंह सतनामी समाज के गुरु हैं। वह सतनामी समाज के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक भंडारपुरी गुरु गद्दी के उत्तराधिकारी हैं। सतनामी समाज के एक दूसरे प्रमुख तीर्थ स्थल गिरौदपुरी की गद्दी के उत्तराधिकारी कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके गुरु रूद्र कुमार हैं। दोनों ही सतनामी समाज के संत गुरु घासीदास के वंशज हैं, लेकिन राजनीतिक तौर पर दोनों एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं। भंडारपुरी गद्दी के गुरु रह चुके खुशवंत सिंह के पिता बालदास ने वर्ष 2013 के चुनाव के दौरान उन्होंने सतनाम सेना पार्टी का गठन कर चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारे थे। अनुसूचित जाति बहुल सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार उतरने से वोटों का समीकरण बिगड़ा और इसका फायदा भाजपा को हुआ। भाजपा ने तब राज्य की 10 अनुसूचित जाति की सीटों में से 9 पर जीत दर्ज की थी। मगर साल 2018 के चुनाव में गुरु बालदास की नाराजगी भाजपा को भारी पड़ गई, जब उन्होंने कांग्रेस का समर्थन किया था, लेकिन 2023 के चुनाव के ठीक पहले गुरु बालदास अपने बेटे गुरु खुशवंत सिंह के साथ भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने गुरु खुशवंत सिंह को आरंग से अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार में मंत्री रहे शिव डहरिया को भारी मतों से हराकर जीत हासिल की थी। गुरु खुशवंत सिंह को साय सरकार में मंत्री बनाकर भाजपा ने अनुसूचित जाति वर्ग के वोट बैंक में अपनी पकड़ मजबूत की है। गुरु खुशवंत साहेब ने एमटेक की पढ़ाई की है। वर्षों से समाज सेवा में रहें हैं सक्रिय रहे हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग 2.08 करोड़ रुपये घोषित है जबकि उन पर लगभग लगभग 1.25 करोड़ रुपये का ऋण है। उनके खिलाफ कोई आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं है ।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |