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उमंग सिंगार ने सरकारी कर्मचारियों को आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिलने पर सरकार को घेरा
bhopal, Umang Singar, surrounded the government

भाेपाल । मध्य प्रदेश के 12 लाख कर्मचारी छह साल बाद भी "आयुष्मान कैशलेस स्वास्थ्य योजना" का इंतजार कर रहे हैं। यह योजना 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के शासनकाल में घोषित की गई थी, लेकिन आज तक यह योजना कर्मचारियों तक नहीं पहुंच पाई है। तीन मुख्यमंत्रियों के पास यह योजना फाइल के रूप में पहुंची, लेकिन कर्मचारियों को केवल आश्वासन ही मिला। मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। वहीं अब मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने इस मामले में प्रदेश सरकार काे घेरा है। उन्हाेंने कहा है कि मुख्यमंत्री ने कई अवसराें पर पांच से 20 लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज का वादा किया, मगर ये वादे केवल हवा हवाई साबित हुई हैं।

 

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने गुरुवार काे साेशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्हाेंने अपनी पाेस्ट में कहा पिछले पांच वर्षों से मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को आयुष्मान स्वास्थ्य योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी निराशा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 18 महीने पहले इस योजना के तहत कर्मचारियों को लाभ देने की घोषणा की थी। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की गई, लेकिन ठोस परिणाम आज तक शून्य हैं।
 
नेता प्रतिपक्ष सिंगार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कई अवसरों पर पांच से 20 लाख रुपये तक के कैशलेस इलाज का वादा किया, मगर ये वादे केवल हवा-हवाई साबित हुए हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि घोषणाओं का बार-बार दोहराव बिना कार्यान्वयन के विश्वास को कमजोर कर रहा है। माननीय मुख्यमंत्री जी, अब समय है कि केवल घोषणाओं से आगे बढ़कर ठोस कदम उठाए जाएं। कर्मचारियों का हक सुनिश्चित करने के लिए तत्काल आदेश जारी करें और वादों को अमल में लाएं।
 
 
बता दें कि 2019 में कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में थी तब कमलनाथ सरकार ने कैबिनेट बैठक में कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना को मंजूरी दी थी। यह योजना एक अप्रैल से लागू होनी थी और प्रदेश के सभी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलना था, लेकिन उसके बाद शिवराज सिंह की ताजपोशी हो गई और 2023 चुनाव के बाद मोहन यादव ने कुर्सी संभाल ली। लेकिन अभी तक कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है।
MadhyaBharat 21 August 2025

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