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विद्यार्थी देश छोड़कर बाहर न जाएं अपने ज्ञान और कौशल को भारत की प्रगति में लगाएं : शिवराज सिंह
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भोपाल । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) के 12वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों से भावुक अपील करते हुए कहा कि वे देश छोड़कर बाहर न जाएं बल्कि अपने ज्ञान और कौशल को भारत की प्रगति में लगाएं। उन्होंने प्रदेश के नागरिकों से स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने की भी अपील की।
 
केन्द्रीय कृषि मंत्री चौहान ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आईआईएसईआर का परिसर देखकर उन्हें दिव्यता का अनुभव हुआ। मैं यहां मामा बनकर आया हूं।' मेरे बेटा-बेटियों, अपने जीवन का एक बड़ा लक्ष्य भी तय करो। यह इतना प्रतिष्ठित संस्थान है, मुझे कहने की ज़रूरत नहीं है, आजीविका तो तुम्हारी चलनी ही है। हाँ, लेकिन देश छोड़कर मत जाना। मैं यह दिल से कह रहा हूँ कि कोशिश करना कि तुम्हारा ज्ञान तुम्हारे देश के काम आए, यह ज़रूरी है। भारत कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, हमारे पास टैलेंट की कोई कमी नहीं है।
 
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भारत की पुरानी विद्वता आज भी हमें ज्ञान का प्रकाश देती है और नए शोधकर्ताओं का कर्तव्य है कि वे इस विरासत को आगे बढ़ाएं। भारत में ज्ञान है, मेधा है, बुद्धि है, परिश्रम करने का सामर्थ्य है, लेकिन तुममें से हर एक यह मत सोचना कि बस एक नौकरी मिल जाए। इस ज्ञान का उपयोग अपने देश के लिए भी करना है, देश की जनता के लिए भी करना है। 
 
उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि अपने दैनिक जीवन में काम आने वाली चीजों में स्वदेश में बने उत्पादों का ही उपयोग करना, यह हमारे देश के लोगों को रोजगार देंगे, हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपील की है और हमें उस अपील पर ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा है कि हम अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करें।
 
उन्होंने कहा कि छोटे और संसाधन सीमित किसानों के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग पर जोर दिया। जिसमें मधुमक्खी पालन, पशुपालन और विविध फसल प्रबंधन कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकें। उन्होंने कहा कि हमारे किसान की जिंदगी की गाड़ी सही ढंग से चल सके, इसके लिए मैं पूरी लगन से जुटा हूं। मैं आपका भी सहयोग चाहता हूँ, आप में से किसी के दिल में यह भाव आए कि इसमें कुछ करना है, तो मामा का घर हमेशा आपके लिए खुला है। चाहें भोपाल हो या दिल्ली में, मैं हमेशा उपलब्ध हूँ।
 
समारोह में संस्थान के 423 विद्यार्थियों को स्नातक की डिग्री प्रदान की गई। इस वर्ष बायोकेमिस्ट्री विभाग के छात्र कौशिक मेहंदी को प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। शैक्षणिक प्रदर्शन, नेतृत्व कौशल और योगदान के आधार पर उन्हें डायरेक्टर गोल्ड मेडल के लिए भी चुना गया। इसके अलावा संस्थान ने बेस्ट एकेडमिक परफॉर्मेंस की सूची घोषित की, जिसमें वरुण अजीत नायर, आशीष शुक्ला, देवाशीष तिवारी, कौशिक मेहंदी, महेश और अगम दीप सिंह समेत अन्य छात्रों के नाम शामिल हैं।
 
संस्थान के डायरेक्टर प्रो. गोवर्धन दास ने बताया कि इस बार कुल 423 छात्र-छात्राओं ने स्नातक किया। इनमें 227 बीएसएमएस, 51 बीएस, 56 एमएस और 89 पीएचडी शामिल हैं। उन्होंने स्नातकों को भविष्य के इनोवेटर्स और लीडर्स बताते हुए कहा कि आईआईएसईआर ने बहुविषयक शिक्षा को प्रोत्साहन दिया है और अब नेचुरल साइंसेस के साथ सोशल साइंसेस, ह्यूमैनिटीज और इंजीनियरिंग पर भी काम कर रहा है। इस सत्र से संस्थान में बीटेक और एमए (लिबरल आर्ट्स) कोर्स भी शुरू किए गए हैं। संस्थान की छात्र संख्या लगभग तीन हजार के करीब पहुंच चुकी है और इनमें लगभग 35 प्रतिशत विद्यार्थी महिलाएं हैं। यह संस्थान के लिए गर्व का विषय है और आने वाले वर्षों में इसे और बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
 
इससे पहले केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने अपने प्रतिदिन पौधरोपण करने के संकल्प के क्रम में भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क में पर्यावरण प्रेमियों एवं कार्यकर्ता साथियों के साथ पौधा रोपा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रतिदिन पौधरोपण का संकल्प माँ समान प्रकृति की सेवा का अभियान है। पौधरोपण मेरे लिए जीवन रोपने जैसा है। भविष्य की पीढ़ियों को एक बेहतर वातावरण देने के लिये, आइये हम सब मिलकर पौधे लगाएँ।
MadhyaBharat 25 August 2025

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