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भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर आगामी 28 अगस्त को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। बैठक को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप जारी है। मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने संयुक्त पत्रकार वार्ता काे संबाेधित किया। इस दाैरान कांग्रेस नेताओं ने सरकार काे घेरते हुए गंभीर आराेप लगाए।
जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा सरकार ने 6 वर्षों तक ओबीसी समाज के साथ खुला अन्याय किया है। कांग्रेस सरकार ने कमलनाथ के नेतृत्व में अध्यादेश और कानून बनाकर 27% आरक्षण लागू किया था, लेकिन भाजपा ने 2021 में परिपत्र और 2022 में आदेश जारी कर नियुक्तियों को रोक दिया। 87% नियुक्तियां ही की गईं और 13% बिना किसी कानूनी आधार के रोक दी गईं। इस नीति से 1 लाख से अधिक अभ्यर्थी प्रभावित हुए, हजारों उम्मीदवारों की नौकरियां अटकीं और कई ने आत्महत्या तक कर ली। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 100 करोड़ रुपए सिर्फ वकीलों पर खर्च किए आरक्षण रोकने के लिए। जबकि मीडिया में शिवराज सिंह और मोहन यादव कहते रहे कि वे आरक्षण के पक्षधर हैं। यदि सचमुच पक्ष में थे तो 2019 का कानून लागू करने से किसने रोका? अब स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि यह अन्याय क्यों हुआ। ओबीसी आरक्षण देने के नाम पर सरकार सिर्फ दिखावा कर रही थी। ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की सरकार की मंशा नहीं है।
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