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हिमाचल में मॉनसून का कोहराम
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शिमला । हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार जारी है। भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। सबसे ज्यादा तबाही पर्यटन नगरी मनाली में देखने को मिली, जहां ब्यास नदी के उफान पर आने से बाहंग बाजार में एक रेस्टोरेंट (शेर-ए-पंजाब) और तीन-चार दुकानें बह गईं। गनीमत रही कि इसमें किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ।

 

मनाली डीएसपी क्षमा दत्त शर्मा ने बताया कि खतरे को भांपते हुए बीती रात ही रेस्टोरेंट और दुकानों को खाली करवा लिया गया था। बावजूद इसके संपत्ति को लाखों का नुकसान पहुंचा है। मनाली में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है और जगह-जगह हालात बिगड़े हुए हैं।

मनाली से कुल्लू के बीच नेशनल हाईवे तीन ढंकार के पास क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। अभी वाहनों को रायसन के पास से लेफ्ट बैंक होकर मनाली भेजा जा रहा है। मनाली के कई इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। इसी दौरान मनालसु नाले में बाढ़ आने से मनाली शहर की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई है। प्रशासन ने कहा है कि बहाली का कार्य तभी शुरू होगा, जब जलस्तर नीचे गिरेगा। मनाली शहर के पेयजल उपभोक्ताओं से पानी का सावधानी से उपयोग करने की अपील की गई है।

इधर, मंडी जिले में भी तबाही देखने को मिली है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे जगह-जगह बंद है। पंडोह से औट के बीच कई स्थानों पर मलबा गिरने से आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। हणोगी के पास सैकड़ों लोगों ने फोरलेन की टनलों में शरण ले रखी है। मंदिर कमेटी, प्रशासन और दानी लोग फंसे हुए लोगों तक भोजन-पानी पहुंचा रहे हैं। मंडी के बालीचौकी क्षेत्र में दो और मकान गिर गए हैं। लाछ और बाता गांव में करीब 35 घर खतरे की जद में हैं, जबकि कई घरों में दरारें आ गई हैं।

प्रदेशभर में लगातार हो रही भारी वर्षा से स्कूलों को भी बंद करना पड़ा है। आज मंगलवार को 9 जिलों शिमला, कांगड़ा, चंबा, ऊना, मंडी, कुल्लू, सोलन, बिलासपुर और हमीरपुर के सभी शिक्षण संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों में अवकाश घोषित किया गया। लाहौल स्पीति जिले के लाहौल और उदयपुर उपमंडल में भी स्कूल बंद रखे गए हैं।

कांगड़ा जिले में पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान से महज एक फुट नीचे पहुंच गया है। बीती रात को जलस्तर 1388.65 फुट रिकॉर्ड किया गया। बांध का आउटफ्लो चरणबद्ध तरीके से बढ़ाकर 75,000 क्यूसिक किया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है।

इस बीच मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज के लिए चंबा और कांगड़ा जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। कुल्लू और मंडी जिलों में ऑरेंज अलर्ट, जबकि ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में येलो अलर्ट लागू है। मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में 31 अगस्त तक बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है।

बारिश से प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार सैंकड़ों सड़कें बंद पड़ी हैं। मंडी में 288, चंबा में 214, कुल्लू में 131 और सिरमौर में 41 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। बिजली आपूर्ति और पेयजल योजनाएं भी बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। भारी तादाद में बिजली ट्रांसफार्मर और पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं।

इस मानसून सीजन में अब तक 306 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 37 लोग लापता और 360 लोग घायल हुए हैं। 3,186 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 693 पूरी तरह ढह गए। अकेले मंडी जिले में ही 1,500 मकान प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा 470 दुकानें और 2,819 पशुशालाएं भी तबाह हो चुकी हैं।

MadhyaBharat 26 August 2025

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