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लखनऊ । बिहार राज्य के दरभंगा में कांग्रेस के मंच से प्रधानमंत्री और उनकी स्व. मां काे लेकर कही गई अभद्र टिप्पणी काे लेकर नेताओं की खूब बयानबाजी हो रही है। इसी बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी इस पर बिना किसी का
नाम लिए अपनी प्रतिक्रिया दी है।
बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा कि देश में ख़ासकर राजनैतिक स्वार्थ के कारण राजनीति का गिरता हुआ स्तर अति-दुखद एवं चिन्तनीय है। इस संबंध में सभी पार्टियों की राजनीति, पार्टी के संविधान के हिसाब से विचार और सिद्धान्तों के आधार पर देश व करोड़ों गरीबों व आमजन के हित में होनी चाहिये, जो पिछले कुछ वर्षों से सही से देखने को नहीं मिल रहा है, जबकि इस दौरान देश के सामने विभिन्न प्रकार की आन्तरिक एवं बाहरी चुनौतियां काफी बढ़ी हैं। उन्हाेंने लिखा कि इतना ही नहीं बल्कि देश के उच्च सरकारी व ग़ैर-सरकारी संस्थाओं व विशेषकर राजनीति में उच्च पदों पर बैठे लोगों के बारे में जिस प्रकार की अभद्र, अशोभनीय, अमर्यादित व असंसदीय टिप्पणी आदि सार्वजनिक तौर पर करके उनकी व देश की छवि को भी धूमिल करने के जो प्रयास किये जा रहे हैं, वह अति-दुखद व चिन्तनीय।
उन्होंने लिखा कि खासकर चुनाव के समय यह प्रक्रिया और भी अधिक विषैली व हिंसक हो जाती है। इसी क्रम में अभी बिहार में भी जो कुछ देखने व सूनने को मिला है वह देश की चिन्ता को बढ़ाने वाला है। जबकि हमारी पार्टी बसपा शुरू से ही 'सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के अम्बेडकरवादी सिद्धान्तों और नीति पर आयरन दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ पार्टी व सरकार चलाने का साहस दिखाने वाली पार्टी होने के कारण किसी भी प्रकार की दूषित व ज़हरीली राजनीति के ख़िलाफ है। दूसरों से भी यही उम्मीद करती है कि वे देश व आमजन के हित में घिनौनी स्वार्थ की राजनीति करने से दूर रहें और एक-दूसरे को ज़बरदस्ती नीचा दिखाने की सस्ती राजनीति से देश का माहौल खराब ना करें तो बेहतर होगा।
मायावती ने आगे लिखा है कि इस बारे में यह विशेष उल्लेखनीय है कि बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर का आदर्श कल्याणकारी भारतीय संविधान, भारत के करोड़ों लोगों के हित, सुरक्षा व उनके आत्म-सम्मान को सर्वोपरि मानते हुये, हर संवैधानिक संस्था को अपनी-अपनी निर्धारित सीमा में रहकर कार्य करने अर्थात उन सबके लिए चेक एण्ड बैलेन्स की गारण्टी सुनिश्चित की है। जिस पर सही से अमल करके ही हालात को बिगड़ने से ज़रूर बचाया जा सकता है।
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