भोपाल । मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले की कलेक्टर अदिति गर्ग ने बताया है कि शनिवार को गांधी सागर में हॉट एयर बैलून में मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान आग लगने की घटना सत्य नहीं है। एयर बैलून में सुरक्षा के संबंध में किसी प्रकार की कोई चूक नहीं हुई है। हॉट एयर बैलून, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, गर्म हवा का गुब्बारा होता है। इसे उड़ान भरने योग्य बनाए रखने के लिए हवा को गर्म किया जाता है, जिससे गुब्बारा ऊपर उठ सके और फ्लोट कर सके।
हॉट एयर बैलून के पायलट इरफान ने बताया कि उन्होंने इस का प्रशिक्षण केरला से लिया है। वे पिछले सात साल से हॉट एयर बैलूनिंग कर रहे हैं। यह बैलून एलपीजी से चलता है और उसकी हीट से ही बैलून ऊपर जाता है और फिर उसे नीचे लाया जाता है। इसमें फ़ायरप्रूफ़ कपड़ा लगा होता है। बैलून में आग लगने जैसी कोई दुर्घटना नहीं हुई है। पर्यटन निगम ने भी स्पष्ट किया है कि इस पूरी प्रक्रिया में सुरक्षा के सभी मानकों को पूरी तरह से पालन किया गया हैं।
दरअसल, शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गांधीसागर फारेस्ट रिट्रीट महोत्सव का शुभारंभ किया था और रात्रि विश्राम भी गांधीसागर में किया। शनिवार सुबह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गांधीसागर फारेस्ट रिट्रीट में हाट बैलून में सवारी करने गए थे। सोशल मीडिया पर यह खबर वायरल हो गई कि मुख्यमंत्री हाट बैलून में सवार हो गए, पर रिट्रीट की आयोजक कंपनी लल्लू जी एंड संस ने बिना जांच के ही उसमें मुख्यमंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों को उसमें सवार करा दिया। नतीजा यह हुआ कि तकनीकी गड़बड़ी और 20 किमी प्रतिघंटा हवा की रफ्तार होने से बैलून उड़ नहीं सका। एक तरफ झुकने से उसका निचला हिस्सा भी जल गया। वहां मौजूद कर्मचारियों ने बुझाया। सुरक्षा कर्मियों ने तत्काल मुख्यमंत्री और अन्य लोगों को बाहर निकाला।