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धमतरी । ऑटोमेटिक सिस्टम से सिलियारी नदी पर बने माड़मसिल्ली बांध के गेट इस वर्षाकाल में पहली बार खुले। बांध के गेट खुलने के बाद यहां से वर्षा जल झरझर बह रहा है। इससे बंधा का नजारा मनमोहक हो गया है।
धमतरी जिले में लगातार रुक रुक कर हो रही वर्षा से नदियों में वर्षा जल का भाव लगातार बना हुआ है। बांध के लबालब होने के बाद 24 सायफन गेट से अतिरिक्त पानी छूटने लगा है। बांध का नजारा देखने लोग पहुंचने लगे हैं। सिंचाई विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार माड़मसिल्ली बांध में 98 प्रतिशत जलभराव होने के बाद सायफन गेट ऑटोमेटिक खुल गया है। बांध में आने वाले कैचमेंट का अतिरिक्त पानी सायफन के माध्यम से नदी में जाने लगा है। माड़मसिल्ली बांध की जलभराव क्षमता 5.839 टीएमसी है जिसमें से 0.121 टीएमसी पानी डेड स्टोरेज में रहता है। उपयोगी जलभराव 5.718 टीएमसी है। बांध में ग्रास लेवल पर 8.721 टीएमसी तथा लाइव जलभराव 5.600 टीएमसी होने के बाद 30 क्यूसेक पानी की निकासी हो रही है जबकि पानी की आवक 528 क्यूसेक हो रही है। जैसे-जैसे बांध में पानी का लेवल बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे गेट से पानी छूटने की मात्रा बढ़ती जाएगी। जानकारी के अनुसार एक माह में गंगरेल बांध से माइमसिल्ली बांध की क्षमता का तीन गुना पानी सिंचाई के लिए दिया जा चुका है। गंगरेल बांध से 5919 क्यूसेक पानी एचआर, रेडियल भेट तथा पेन स्टाक मेट से छोड़ा गया। गंगरेल में पानी की आवक 5121 क्यूसेक दर्ज की गई है। गंगरेल कंट्रोल रूम से प्राप्त जानकरी के अनुसार 13 अगस्त से अंगरेल बांध में सिंचाई पानी के लिए मेट खोला गया है। एक माह में मिलाई नहर के माध्यम से 2.388 टीएमसी, हेड रेगुलेटर बेट से 10.978 टीएमसी तथा पेन स्टाक गेट से 5.284 टीएमसी पानी दिया जा चुका है। गंगरेल बांध में 29.054 टीएमसी जलमराव है जो कि क्षमता का 88.56 प्रतिशत पानी है। लगातार वर्षा होने से सोंढूर, दुधावा बांध की स्थिति में सुधार हो रहा है।
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