Since: 23-09-2009
भाेपाल । नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश रोल मॉडल बनकर उभर रहा है। प्रदेश में स्थापित की गई अनेक परियोजनाओं से सौर ऊर्जा की आपूर्ति न केवल प्रदेश में, बल्कि दिल्ली मेट्रो एवं भारतीय रेल को भी की जा रही है। इसी क्रम में चंबल अंचल के मुरैना में पिपरसेवा में 600 मेगावाट क्षमता वाला यह सबसे बड़ा सौर ऊर्जा भंडार प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश में सौर ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने और ऊर्जा संकट से उबरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार काे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि मुरैना में बनने जा रहे राज्य के सबसे बड़े 600 मेगावाट सौर ऊर्जा भंडार प्रोजेक्ट में अब तक की सबसे न्यूनतम दर 2.70 रुपये प्रति यूनिट प्राप्त हुई है। इससे पहले देश में न्यूनतम दर 3.09 रुपये थी। यह उपलब्धि सेवा पखवाड़ा के दौरान हासिल की गई है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच और आत्मनिर्भर भारत के प्रयासों का परिणाम बताया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लिखा है कि यह उपलब्धि ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, "यह उपलब्धि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता को दर्शाती है, जिन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में मजबूत नीतियां लागू की हैं।"
आपको बता दें मध्य प्रदेश सरकार और रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड मुरैना में अपनी पहली भंडारण परियोजना 880 मेगावाट घंटे की दोहरी-चक्र बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली के साथ 600 मेगावाट का सौर संयंत्र स्थापित कर रहे हैं। हाल ही में 29 अगस्त को मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने इसका टेंडर निकाला है। ये प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश का पहला सौर ऊर्जा भंडारण प्रोजेक्ट है जिसमें ऊर्जा भंडारण कर सुबह और शाम के व्यस्ततम समय (पीक ऑवर्स) में भी प्रदेश को हरित ऊर्जा प्रदान करेगा। इस परियोजना की ऊर्जा भंडारण क्षमता 600 मेगावॉट होगी।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |