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नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा पर वार्षिक एक लाख डॉलर (लगभग 90 लाख रुपये) की फीस लगाने के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने नाराजगी जताई है।
खरगे ने एक्स पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जन्मदिन के फोन के बाद मिले रिटर्न गिफ्ट्स से भारतीय बहुत दुखी हैं। उन्होंने इसे अबकी बार ट्रंप सरकार का जन्मदिन का तोहफा करार दिया।
खरगे ने कहा कि एच-1बी वीजा पर एक लाख डॉलर का वार्षिक शुल्क भारतीय तकनीकी कर्मचारियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा, क्योंकि 70 प्रतिशत से ज्यादा एच-1बी वीजा धारक भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत टैरिफ पहले ही लग चुका है, जिससे 10 क्षेत्रों में भारत को 2.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। इसके अलावा भारतीय आउटसोर्सिंग को निशाना बनाने वाला एचआईआरई अधिनियम, चाबहार बंदरगाह से छूट हटाना जो रणनीतिक हितों के लिए नुकसानदेह है तथा यूरोपीय संघ से भारतीय वस्तुओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने का आह्वान शामिल है।
उल्लेखनीय है कि ट्रंप प्रशासन ने 19 सितंबर को एक घोषणा जारी कर एच-1बी वीजा आवेदनों पर वार्षिक एक लाख डॉलर की अतिरिक्त फीस लगाने का ऐलान किया है। यह कदम अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है, जहां भारत सबसे बड़ा लाभार्थी है। 2025 की पहली छमाही में अमेजन को 12,000 से अधिक एच-1बी वीजा स्वीकृत हुए, जबकि माइक्रोसॉफ्ट और मेटा को 5,000 से अधिक मिले। अभी वीजा रजिस्ट्रेशन फीस 215 डॉलर और अन्य शुल्क कुल मिलाकर कुछ हजार डॉलर तक हैं।
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