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मोहासा-बाबई प्रोजेक्ट आत्मनिर्भर और मेक इन इंडिया के विजन को करेगा साकार
bhopal, Mohasa-Babai project , Make in India
भोपाल । मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के प्रयासों से केन्द्र सरकार द्वारा नर्मदापुरम जिले के औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई को 'ग्रीन फील्ड मैन्युफैक्चरिंग जोन फॉर पॉवर एवं रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट' की ऐतिसाहिक सौगात मिली है। इससे विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा सकेगा। भारत सरकार की इस पहल से मध्य प्रदेश न केवल इस क्षेत्र में अग्रणी बनेगा, बल्कि निवेश और रोजगार सृजन के नए अवसर सृजित होंगे।
 
जनसम्पर्क अधिकारी बबीता मिश्रा ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई फेज-1 की 1678 एकड़ विकसित भूमि में से 884 एकड़ भूमि पर विद्युत एवं नवकरणीय ऊर्जा उपकरणों का विनिर्माण क्षेत्र विकसित किया गया है। इकाइयों को उद्योग संवर्धन नीति 2014 (संशोधित) के अतिरिक्त अनेक विशेष प्रोत्साहन दिए गए हैं। इन प्रोत्साहनों में पाँच वर्षों तक रियायती दरों पर बिजली की आपूर्ति, विद्युत शुल्क की प्रतिपूर्ति, पानी की आपूर्ति मात्र 25 रुपये प्रति किलोलीटर की दर पर, भूमि संबंधी सभी शुल्कों में राहत, न्यूनतम विकास शुल्क तथा प्रतीकात्मक राशि पर भूमि आवंटन जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
 
फेज-वन में 17,750 करोड़ का मिला निवेश
उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा आमंत्रित एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट के तहत 29 निवेशकों से आवेदन प्राप्त हुए। विस्तृत परीक्षण और चर्चा के बाद 22 इकाइयों को 514.50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इन इकाइयों से 17,750 करोड़ रुपये के निवेश और 21,777 लोगों के लिए रोजगार का सृजन प्रस्तावित है। वर्तमान में 6 वृहद इकाइयां मेसर्स यू एनर्जी प्रा.लि., मेसर्स लेण्डसमिल रिन्यूएबल्स प्रा.लि., मेसर्स लेण्डसमिल ग्रीन एनर्जी प्रा.लि., मेसर्स लेण्डसमिल ग्रीन इंडस्ट्रीज प्रा.लि., मेसर्स इन्सोलेशन ग्रीन एनर्जी प्रा.लि., मेसर्स रेज ग्रीन एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग प्रा.लि. सहित दो एमएसएमई इकाइयां मेसर्स सनकोसा एनर्जी प्रा.लि. एवं मेसर्स एक्लेक्टिक डिज़ाइन अपने भूखण्डों पर तेजी से निर्माण कार्य कर रही हैं। अन्य निवेशक भी अपनी इकाई स्थापना संबंधी आवश्यक कार्यवाही कर रहे हैं।
 
फेज-2 का विस्तार: 750 एकड़ में नया विनिर्माण क्षेत्र विकसित
जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, मोहासा-बाबई फेज-1 की सफलता को देखते हुए राज्य शासन ने 30 जुलाई 2025 को फेज-2 विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत 1034 एकड़ भूमि में से 750 एकड़ पर विद्युत एवं नवकरणीय ऊर्जा उपकरणों का विनिर्माण क्षेत्र विस्तारित किया गया है।
 
निवेशकों के लिये विशेष रियायतें
फेज-2 में निवेशकों के लिए विशेष रियायतें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनमें प्रचलित भूमि मूल्य के केवल 25 प्रतिशत प्रीमियम पर भूखंड आवंटन, वास्तविक विकास शुल्क का 20 समान वार्षिक किश्तों में भुगतान, 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क की प्रतिपूर्ति और पानी की आपूर्ति 25 रूपये प्रति किलोलीटर की दर पर शामिल हैं। इस विस्तार से बड़े और छोटे दोनों स्तर के निवेशकों को आकर्षित होंगे, जिससे प्रदेश का औद्योगिक आधार और अधिक सशक्त होगा।
 
मोहासा-बाबई औद्योगिक क्षेत्र के दोनों चरणों से प्रदेश विद्युत एवं नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। इन विनिर्माण क्षेत्रों से न केवल आवश्यक उपकरणों की आयात निर्भरता कम होगी, बल्कि प्रदेश को एक नई औद्योगिक पहचान भी मिलेगी। यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया जैसे राष्ट्रीय अभियानों को मजबूत करती है और मध्य प्रदेश को भारत के ऊर्जा उपकरण निर्माण का हब बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित हो रही है।
 
MadhyaBharat 24 September 2025

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