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कोरबा । छत्तीसगढ़ के काेरबा जिले के कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज अंतर्गत तनेरा क्षेत्र में हाथियों का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। खेतों और घरों को नुकसान पहुँचाने के बाद अब हाथियों की मौजूदगी से बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ने लगा है।
तनेरा स्थित शासकीय हाई स्कूल के प्राचार्य ने बीते 19 सितम्बर काे जिला शिक्षा अधिकारी, कोरबा को पत्र लिखकर स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया है। प्राचार्य ने बताया कि स्कूल परिसर के आसपास सुबह 8 बजे से ही हाथियों का झुंड दिखाई देता है, जिसकी वजह से विद्यार्थी और शिक्षक भयभीत रहते हैं। विशेषकर दूरस्थ गाँवों से आने वाले बच्चे नियमित रूप से स्कूल पहुँच नहीं पा रहे हैं।
पत्र में उल्लेख है कि कई बार हाथियों की गतिविधियों के कारण सुबह से लेकर शाम 4 बजे तक कक्षाएं बाधित हो जाती हैं। विद्यार्थी स्कूल में फंसे रहते हैं और समय पर सुरक्षित घर नहीं लौट पाते। इस वजह से अभिभावकों में भय व्याप्त है और वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने से हिचकिचाने लगे हैं।
तनेरा, सरमा सहित आसपास के गाँवों में हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों की नींद हराम हो गई है। पिछले एक सप्ताह में हाथियों द्वारा फसलें रौंदे जाने और घरों को क्षति पहुँचाने की कई घटनाएँ सामने आई हैं। परेशान ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह ग्राम सरमा के पास आक्रोश जताते हुए सड़क पर बेरियर लगाकर वाहनों की आवाजाही रोक दी।
इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन और वन विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि बार-बार सूचना देने के बावजूद वन विभाग का अमला केवल औपचारिक दौरे तक ही सीमित रहता है। हाथियों का झुंड दिन-रात गाँवों के आसपास मंडराता रहता है, जिससे किसी भी समय बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। स्कूल प्रबंधन और ग्रामीणों ने संयुक्त रूप से प्रशासन से त्वरित एवं स्थायी समाधान निकालने की अपील की है।
ग्रामीणों ने आज बुधवार काे चर्चा में बताया कि यदि समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो बच्चों की शिक्षा पूरी तरह प्रभावित हो जाएगी और ग्रामीणों की जान-माल की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाएगी।
ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहा है कि अब सिर्फ दौरे और औपचारिक कार्यवाही से काम नहीं चलेगा। प्रशासन और वन विभाग को ठोस कार्ययोजना बनाकर हाथियों को गाँवों से दूर सुरक्षित स्थानों की ओर खदेड़ने की व्यवस्था करनी होगी।
बड़ी दुर्घटना की आशंका
हाथियों के लगातार गाँवों में प्रवेश और स्कूल के आसपास मंडराने से लोगों में दहशत का माहौल है। स्थिति यह है कि बच्चे न तो ठीक से पढ़ पा रहे हैं और न ही अभिभावक उन्हें निश्चिंत होकर स्कूल भेज पा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने गंभीरता नहीं दिखाई तो कभी भी बड़ा हादसा घटित हो सकता है।
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