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बलरामपुर । छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर सिविल हॉस्पिटल के बीएमओ डॉ. हेमंत दीक्षित एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए है। उनपर महिला नर्सिंग स्टाफ और कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार, अमर्यादित टिप्पणियां और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे है। अब यह मामला तुल पकड़ लिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश नर्सेज एसोसिएशन ने पूरे घटनाक्रम को लेकर बलरामपुर सीएमएचओ डॉक्टर बसंत सिंह को पत्र लिखा है और डॉक्टर हेमंत दीक्षित पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से पद से हटाने की मांग की है। संगठन ने साफ चेतावनी दी है कि, यदि 2-3 दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो नर्सिंग स्टाफ आंदोलन के लिए मजबूर होगा।
पूर्व में भी लगे आरोप
डॉक्टर हेमंत दीक्षित इससे पूर्व रामानुजगंज सौ बिस्तर अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर तैनात थे। इसके बाद उन्हें प्रमोट कर ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर बनाया गया। बीएमओ बनने के बाद सौ बिस्तर अस्पताल के कर्मचारियों ने डॉक्टर हेमंत दीक्षित पर महिलाओं से अभद्र व्यवहार का आरोप लगा था। जिसके बाद बलरामपुर जिले के सीएमएचओ बसंत सिंह ने कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से रामानुजगंज सौ बिस्तर अस्पताल से हटा दिया था। इसके बाद उन्हें वाड्रफनगर सिविल हॉस्पिटल का बीएमओ बनाया गया।
एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष सुमन शर्मा ने बताया कि अस्पताल में डॉ. दीक्षित का रवैया न केवल नर्सिंग स्टाफ के प्रति अपमानजनक है बल्कि महिला कर्मियों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला भी है। आरोप है कि, बीएमओ आए दिन स्टाफ पर अनुचित टिप्पणियां करते हैं और कामकाज में अनावश्यक दखल देकर कर्मचारियों को मानसिक रूप से परेशान करते हैं।
बलरामपुर सीएमएचओ डॉ. बसंत सिंह को दिए पत्र में कहा गया है कि, अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भी अव्यवस्था और डॉक्टर के बर्ताव की वजह से परेशानी झेलनी पड़ती है। कई बार ऐसी स्थिति बनी कि नर्सिंग स्टाफ भयभीत होकर काम करता रहा, जिससे अस्पताल की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई। सरकार और प्रशासन से शिकायत नर्सेस एसोसिएशन ने न केवल सीएमएचओ बलरामपुर बल्कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री, लोक स्वास्थ्य मंत्री, संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ, संभागीय संयुक्त संचालक सहित शीर्ष अधिकारियों को भी पत्र की प्रतिलिपि भेजी है। संगठन ने इसे नर्सों की अस्मिता और कार्यस्थल की गरिमा से जुड़ा मामला बताया है।
आंदोलन की चेतावनी
एसोसिएशन का कहना है कि यदि डॉ. दीक्षित को पद से नहीं हटाया गया तो नर्सिंग स्टाफ सामूहिक रूप से अस्पताल से कार्य बहिष्कार कर देगा। अब देखना है कि स्वास्थ्य विभाग इस गंभीर मामले पर क्या रुख अपनाता है और क्या वाकई डॉ. दीक्षित के खिलाफ कार्रवाई होती है या नहीं।
बलरामपुर सीएमएचओ बसंत सिंह ने आज बुधवार को हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि, इस पूरे प्रकरण की जांच वाड्रफनगर एसडीएम नीरनिधि नन्देहा कर रहे है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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