Since: 23-09-2009
नई दिल्ली । सर्राफा बाजार में सोना और चांदी की कीमत लगातार नई ऊंचाई पर पहुंचने का नया कीर्तिमान बना रही है। इसी तरह घरेलू वायदा बाजार में भी सोना और चांदी की कीमत अभी तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई है। आज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर दिसंबर का गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट 1,15,939 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह अक्टूबर का गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट भी 1,14,992 रुपये प्रति 10 ग्राम की ऊंचाई पर पहुंचा हुआ है। सोने की तरह ही वायदा बाजार में चांदी की कीमत भी सर्वोच्च शिखर पर पहुंची हुई है। दिसंबर की डिलीवरी वाला सिल्वर फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट आज 1,44,179 रुपये प्रति किलोग्राम के ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंचा हुआ नजर आया।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती करने की उम्मीद और डॉलर की कीमत में ओवरऑल कमजोरी का रुख बनने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में तेजी का रुख बना हुआ है। कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत में तेजी आने के पीछे तमाम देशों पर अमेरिकी टैरिफ के बोझ को भी एक बड़ी वजह माना जा सकता है। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापारिक तनाव, भारत के साथ ट्रेड डील को लेकर जारी अनिश्चितता, रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव की वजह से भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। इस तेजी का असर भारत में भी सर्राफा बाजार और वायदा बाजार के कारोबार में साफ-साफ नजर आ रहा है।
इसी तरह कैपेक्स गोल्ड एंड इन्वेस्टमेंट्स के सीईओ राजीव दत्ता का कहना है कि अक्टूबर के महीने में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती करने की संभावना लगभग तय मानी जा रही है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में ट्रेडर्स को इस बात की भी उम्मीद है कि दिसंबर के महीने में भी अमेरिकी फेडरल रिजर्व एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला ले सकता है। इसी संभावना की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी की कीमत को लगातार सपोर्ट मिल रहा है। उनका कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह जिस तरह से दवा, ट्रक और फर्नीचर पर नए टैरिफ का ऐलान किया है, उससे इक्विटी मार्केट में उतार चढ़ाव होने की संभावना काफी अधिक हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के अनुसार नए टैरिफ की दरें 1 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएंगी, जिसका असर दुनिया के कई देश पर पड़ेगा। इसी वजह से कई निवेशक सेफ इन्वेस्टमेंट के रूप में सोना और चांदी में निवेश करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मॉनेटरी पॉलिसी में और ढील मिलने की उम्मीद तथा जियो पोलिटिकल एवं ट्रेड रिलेटेड रिस्क के कारण भी आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में तेजी जारी रहने की संभावना बनी हुई है। इसका असर भारत में भी सर्राफा बाजार में हाजिर खरीदी और वायदा बाजार में फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स पर पड़ना लगभग तय है।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |