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नई दिल्ली । नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने सोमवार को भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक व्यापार समझौता हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों देश पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नीति आयोग के सीईओ ने राजधानी नई दिल्ली में तिमाही आधार पर व्यापार विश्लेषण पर रिपोर्ट (ट्रेड वॉच क्वार्टरली) जारी करते हुए यह बात कही। सुब्रह्मण्यम ने कहा कि अच्छी बात यह है कि दोनों पक्ष अभी भी एक व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि पिछले महीने बातचीत हुई थी, इसलिए मुझे लगता है कि दोनों पक्षों को उम्मीद है। सुब्रह्मण्यम ने ये भी कहा कि भारत को शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करना चाहिए और विनिर्माण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए अपने बाजारों को खोलना चाहिए।
सुब्रह्मण्यम ने वित्त वर्ष 2024-25 (जनवरी से मार्च) की चौथी तिमाही के लिए "ट्रेड वॉच त्रैमासिक" का नवीनतम संस्करण जारी किया। यह भारत के व्यापार प्रदर्शन का गहन मूल्यांकन प्रस्तुत करता है, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं के रुझान, वैश्विक मांग में बदलाव और निर्यात विविधीकरण की संभावनाओं को शामिल किया गया है। इसके साथ ही उच्च मांग वाले वैश्विक बाजारों में विविधता लाने की अनिवार्यता पर भी जोर दिया गया है।
नीति आयोग सीईओ ने कहा कि अमेरिकी शुल्क का क्रिसमस तक कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा, हालांकि अगर दोनों देश व्यापार समझौते पर सहमत नहीं होते हैं, तो उसके बाद एक समस्या देखने को मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त में भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को दोगुना करके 50 फीसदी कर दिया था। इसमें भारत के रूस से कच्चे तेल खरीदने के कारण लगाया गया 25 फीसदी का दंडात्मक शुल्क शामिल है। इसके बाद नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच संबंधों में तनाव आ गया। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को अनुचित और अविवेकपूर्ण बताया था।
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