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अमरावती ।मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राजधानी अमरावती क्षेत्र के किसानों के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। उन्होंने याद किया कि उन्होंने किसानों की दुर्दशा देखी थी और विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे थे। उन्होंने कहा कि राजधानी क्षेत्र का हर तरह से विकास किया जाएगा। आज सोमवार की सुबह अमरावती में सीआरडीए ( कैपिटल रिजाइन डेवलपमेंट ऑथोरिटी ) कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने यह बात कही।
मुख्य मंत्री ने आगे कहा कि,‘आज बहुत खुशी का दिन है। सबसे पहले, सीआरडीए भवन का उद्घाटन हुआ है। पहली बार लैंड पूलिंग के तहत ज़मीन देने का इतिहास अमरावती के किसानों का है। आने वाले दिनों में सरकारी और निजी इमारतें बनेंगी। जब राज्य का विभाजन हुआ था, तब कोई राजधानी नहीं थी। तत्कालीन केंद्र सरकार ने राजधानी कहाँ होगी, यह बताए बिना ही राज्य का विभाजन कर दिया। हमने उसी दिन राज्य के भविष्य के लिए दुनिया में कुछ अनोखा बनाने का फैसला किया। हमने तय किया कि विजयवाड़ा और गुंटूर के बीच राजधानी होना अच्छा रहेगा। हमने पहले ही एक अवधारणा तैयार कर ली थी।
राजधानी निर्माण के लिए किसान स्वेच्छा से ज़मीन देने के लिए आगे आए हैं। विश्व इतिहास में इतनी बड़ी मात्रा में ज़मीन अधिग्रहण सिर्फ़ अमरावती में ही हुआ है। पहले जब हाई-टेक सिटी बन रही थी, तब मैंने उन्हें अपना विज़न बताया था, तो उन्होंने मेरा मज़ाक उड़ाया था। हमने हैदराबाद में 5,000 एकड़ में हवाई अड्डा बनाया। जब किसानों ने हवाई अड्डे के लिए ज़मीन मांगी, तो उन्होंने तुरंत दे दी। जिन लोगों ने वहाँ ज़मीन खरीदी है, उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है," चंद्रबाबू ने कहा।
चंद्रबाबू नायडू ने राजधानी के किसानों की समस्याओं के समाधान की ज़िम्मेदारी तीन अपने ही वरिष्ठ नेता को सौंपी है। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय मंत्री पेम्मासनी चंद्रशेखर, मंत्री नारायण और विधायक श्रवण कुमार को यह ज़िम्मेदारी सौंप रहे हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि किसी भी समस्या पर इन तीनों नेताओं से बात करें और उसका समाधान निकालें।
मुख्यमंत्री ने नेताओं को किसानों के साथ लगातार बैठकें करने का भी आदेश दिया।
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