नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों के निर्माण और बिक्री की सशर्त अनुमति दे दी है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने दीपावली के मौके पर 15 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखों के निर्माण और बिक्री की अनुमति दी है।
कोर्ट ने कहा है कि सुबह 6 बजे से लेकर 7 बजे तक और रात 8 बजे से लेकर 10 बजे तक ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकेगा। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि पूर्ण प्रतिबंध की स्थिति में पटाखे तस्करी के जरिए लाए जाते हैं, इसलिए वे ग्रीन पटाखों’ की तुलना में ज़्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। इन्हें सीमित मात्रा में अनुमति देते हुए पर्यावरण से कोई समझौता नहीं करना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय ने 10 अक्टूबर को इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखते हुए इस बात के संकेत दिए थे कि दिवाली के मौके पर वो अस्थायी रुप से ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल पर लगी रोक हटा सकती है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि पटाखों के निर्माण की अनुमति केवल लाइसेंस धारक व्यापारियों को ही मिलेगी। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि इस मामले में सभी पक्षों से मशविरा कर एक संतुलित नीति बनाएं।
कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 6 मई को पटाखों पर रोक जारी रखते हुए यूपी, राजस्थान और हरियाणा को निर्देश दिया था कि वो दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर लगी रोक को लागू करें। कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उसके आदेश को लागू नहीं किया गया तो अवमानना की कार्रवाई शुरु की जाएगी।
इसके पहले 3 अप्रैल को उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूरी तरह से लगाए प्रतिबंध को सही ठहराया था। उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि जब तक ये साबित नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से ना के बराबर प्रदूषण होता है, तब तक बैन के पुराने आदेश में बदलाव का कोई औचित्य नजर नहीं आता।