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इंदौर जिले में किसानों की खुशहाली की भावांतर योजना की उत्सवी माहौल में हुई शुरुआत
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इंदौर। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप किसानों को उनकी सोयाबीन उपज का उचित दाम दिलाने के लिए शुक्रवार से राज्य सरकार द्वारा भावांतर योजना प्रारंभ की गई है। इंदौर में उत्सवी माहौल में इस योजना की शुरुआत हुई। पहले ही दिन इस योजना के प्रति किसानों का भारी उत्साह सामने आया। बड़ी संख्या में किसान अपनी उपज लेकर मंडियों में पहुँचे। मंडियों में उत्सवी माहौल में इस योजना की शुरूआत की गई। अपनी उपज लाने वाले किसानों का तिलक लगाकर और पुष्पमाला पहनाकर स्वागत-सत्कार किया गया। किसानों के लिए भोजन और स्वल्पाहार की व्यवस्था भी की गई। किसानों के चेहरों पर खुशियां देखी गई। किसानों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पहल पर लागू योजना को किसान हितैषी बताया और सराहना की।


जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, कलेक्‍टर शिवम वर्मा, विधायक मधु वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण शुक्रवार को लक्ष्मीबाई मंडी पहुँचे। इस दौरान अपर कलेक्टर पंवार नवजीवन विजय, रोशन राय भी मौजूद थे। मंत्री सिलावट तथा कलेक्टर वर्मा ने मंडी में आने वाले किसानों का तिलक लगाकर और पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया। उन्होंने किसानों से चर्चा भी की। उन्होंने किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं को जायजा लिया। इस अवसर पर बोली लगाकर उपज खरीदी की शुरूआत की गई। सर्वाधिक बोली 4775 रुपये की रही।


कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि जिले में किसानों के लिए सभी जरूरी इंतजाम मंडियों में किए गए है। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है कि किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो। मंडियों में किसानों की उपज की समय पर तुलवाई, समय पर भुगतान, बैठने के लिए छायादार स्थान, शयन, भोजन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।


मंडी में बेचने के लिए अपनी उपज लेकर आए रतनखेड़ी के किसान कृष्णा जाधव ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की इस योजना की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों के हित की है। मंडी में बेहतर व्यवस्था की गई है। हमें बेहतर दाम मिल गए हैं। भावांतर योजना का लाभ भी मिलेगा। ऐसे ही कुछ ‍विचार सनावदिया में रहने वाले किसान उमेश घनश्याम, बसान्द्रा के अमन ने भी व्यक्त किये। इन सबने भावांतर योजना को किसान हितैषी बताया। उन्होंने बताया कि मंडी में बेहतर व्यवस्था है। हमारी उपज की समय पर ब्रिकी हो गई। किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप किसानों को उनकी सोयाबीन उपज का उचित दाम दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई भावांतर योजना के तहत किसान अपने नजदीकी मण्डी-उपमण्डी में जाकर फसल विक्रय कर सकेंगे। उपज विक्रय के लिए किसानों को भावान्तर का पंजीयन क्रमांक रसीद और अपना आधार कार्ड लेकर जाना अनिवार्य है। खरीदी केन्द्रों पर सोयाबीन खरीदी का कार्य 15 जनवरी 2026 तक चलेगा। सोयाबीन के लिए एमएसपी प्रति क्विंटल 5328 रुपये घोषित की गई है। योजना के तहत सोयाबीन उत्पादक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य और बाजार भाव के बीच का अंतर सरकार द्वारा दिया जाएगा। फसल बिक्री के 15 दिन के भीतर भाव में अंतर की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में अंतरित करने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत सभी किसानों को पारदर्शी और त्वरित भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। किसानों को भावांतर राशि का भुगतान सीधे पंजीकृत बैंक खाते में किया जायेगा।


इंदौर की सभी मंडियों और उप मंडियों में तकनीकी एवं मानव संसाधन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मंडी स्तरीय कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। प्रवेश गेट और प्रांगण में सीसीटीवी मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की गई है। प्रत्येक खरीदी केन्द्रों में हेल्प डेस्क भी बनाये गये हैं। भावांतर योजना के तहत इस वर्ष किसानों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी करते हुए अपने रकबे का पंजीयन कराया है। इंदौर जिले में 46 हजार 61 किसानों ने पंजीयन कराया है। इन किसानों का सोयाबीन का कुल रकबा एक लाख 22 हजार हेक्टेयर है। जिले में कुल 7 खरीदी केन्द्र बनाये गए है, इनमें इंदौर लक्ष्मीबाई नगर मंडी, संयोगितागंज, सांवेर, चंद्रावती गंज, गौतमपुरा, देपालपुर और डोंगरगाँव शामिल है।

 

MadhyaBharat 24 October 2025

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