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बैंकॉक (थाईलैंड)। थाईलैंड की राजमाता सिरीकित का शुक्रवार रात 9ः21 बजे निधन हो गया। उन्होंने 93 वर्ष की आयु में किंग चुलालोंगकोर्न मेमोरियल अस्पताल में आखिरी सांस ली। थाई रेडक्रॉस सोसाइटी और रॉयल हाउस होल्ड ब्यूरो ने उनके निधन की घोषणा की।
बैंकॉक पोस्ट अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, ब्यूरो के बयान में बताया गया कि वह सितंबर, 2019 से अस्वस्थ थीं। 17 अक्टूबर को उनके रक्तप्रवाह में संक्रमण हो गया। चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद उनकी हालत बिगड़ती गई। राजा महा वजीरालोंगकोर्न फ्रा वजीराक्लाओचाओयुहुआ ने ब्यूरो को शाही परंपरा के अनुसार सर्वोच्च सम्मान के साथ राजमाता का शाही अंतिम संस्कार करने का निर्देश दिया है। उनकी अस्थियां बैंकॉक के ग्रैंड पैलेस स्थित दुसित महा प्रसाद सिंहासन हॉल में रखी जाएंगी। राजा ने उनके निधन की तिथि से शाही परिवार और शाही दरबार के अधिकारियों के लिए एक वर्ष का शोक घोषित किया है।
राजमाता सिरीकित का जन्म 12 अगस्त, 1932 को बैंकॉक में हुआ था। वो राजकुमार नक्खत्रा मंगला और एम.एल. बुआ कितियाकारा की पुत्री थीं। 28 अप्रैल 1950 को उनका विवाह राजा भूमिबोल अदुल्यादेज महान (राम चतुर्थ ) के साथ हुआ था। राजा ने 1946 से 2016 तक शासन किया। पांच मई, 1950 को राज्याभिषेक के दिन सिरीकित को महारानी घोषित किया गया। राजमाता सिरीकित अंतिम समय तक थाई लोगों के कल्याण, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और पारंपरिक थाई कला एवं शिल्प के संरक्षण के लिए समर्पित रहीं।
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