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भुवनेश्वर । बंगाल की खाड़ी में तेजी से प्रबल हो रहे चक्रवात ‘मोंथा’ के मद्देनज़र ओडिशा सरकार ने राज्य के आठ दक्षिणी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इससे 27 से 30 अक्टूबर के बीच राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है। सरकार ने आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों के लिए 128 विशेष टीमें तैनात की हैं।
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात मोंथा 28 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के काकीनाडा तट के पास भूमि से टकरा सकता है। इसके प्रभाव से ओडिशा के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश, तेज हवाएं और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात मोंथा शनिवार देर रात बंगाल की मध्य खाड़ी में बना था और फिलहाल गोपालपुर (ओडिशा) से लगभग 850 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व तथा काकीनाड़ा (आंध्र प्रदेश) से करीब 680 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में केंद्रित है। यह चक्रवात पश्चिम-उत्तर पश्चिम दिशा में लगभग 16 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और अगले कुछ घंटों में और अधिक तीव्र होने की संभावना है।
राज्य के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि चक्रवात का सबसे अधिक प्रभाव मलकानगिरी, नबरंगपुर, कोरापुट, रायगड़ा, गजपति, गंजाम, कालाहांडी और कंधमाल जिलों पर पड़ सकता है। इन जिलों को अत्यधिक वर्षा, तेज हवाओं और स्थानीय बाढ़ की संभावना को देखते हुए रेड जोन घोषित किया गया है। पुजारी ने बताया कि सरकार ने आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों के लिए 128 विशेष टीमें तैनात की हैं। इनमें 24 ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स की इकाइयां, 5 नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स की टीमें और 99 अग्निशमन सेवा इकाइयां शामिल हैं। सभी टीमों को रणनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।
उन्होंने बताया कि मलकानगिरी में तीन ओड्राफ टीम, एक एनडीआरएफ इकाई और आठ अग्निशमन दल तैनात किए गए हैं, जबकि कोरापुट में तीन ओड्राफ, एक एनडीआरएफ और चौदह अग्निशमन टीमें अलर्ट रखी गई हैं। नबरंगपुर में दस और रायगड़ा में ग्यारह फायर सर्विस टीमें तैनात हैं। इसी तरह गजपति में सात, गंजाम में चौबीस, कंधमाल में बारह और कालाहांडी में तेरह अग्निशमन टीमें तैनात की गई हैं। दो एनडीआरएफ टीमें पहले ही मालकानगिरी और कोरापुट पहुंच चुकी हैं, जबकि अतिरिक्त टीमें रायगड़ा, गजपति और कंधमाल भेजी जा रही हैं। मंत्री ने कहा कि सभी रेड जोन जिलों में कम से कम तीन ओड्राफ टीमें तैनात की गई हैं ताकि खोज और बचाव कार्यों को समय पर संचालित किया जा सके।
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