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मुंबई । महाराष्ट्र के मुंबई के पवई इलाके में स्थित रा स्टुडियो में गुरुवार को बंधक बनाए गए 17 बच्चों सहित 19 लोगों को पुलिस ने सुरक्षित बचा लिया और बच्चों को बंधक बनाने वाले आरोपित रोहित आर्या को गिरफ्तार कर लिया है। मामले की गहन छानबीन पवई पुलिस स्टेशन की टीम कर रही है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सत्यनारायण ने आज बताया कि रा स्टूडियो के अंदर करीब १९ लोगों को बंधक बनाया गया था। इनमें 17 बच्चे, एक वृद्ध और एक अन्य शामिल है। उन्होंने बताया कि संदिग्ध मानसिक रूप से बीमार लग रहा था और उसके पास बंदूक जैसा दिखने वाला एक हथियार था। लेकिन सभी को सुरक्षित बचा लिया गया है और आरोपित रोहित आर्या के पास से एक एयरगन और केमिकल बरामद किया गया है। इस मामले की गहन छानबीन पवई पुलिस स्टेशन की टीम कर रही है।
पवई पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक जीवन सोनवणे ने बताया कि रोहित आर्या ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उसने कथित तौर पर दावा किया था कि वह कुछ लोगों से बात करना चाहता है और धमकी दी थी कि अगर उसकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वह "सब जगह आग लगा देगा और खुद को और बच्चों को नुकसान पहुँचाएगा"। इसकी जानकरी मिलते ही पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची और फायर ब्रिगेड के जवानों की मदद से बच्चों का सुरक्षित बचा लिया गया।
मुंबई फायर ब्रिगेड के स्टेशन ऑफिसर अभिजीत सोनवणे ने बताया कि विभाग को दोपहर करीब 3 बजे पुलिस का फोन आया। इसके बाद हमारी टीम मौके पर पहुंची और हमने अपने हाइड्रोलिक उपकरणों से ग्रिल को काटा और पुलिस के लिए रास्ता बनाया। वे अंदर घुस गए और सभी को बचा लिया गया। सूत्रों ने
बताया कि रोहित आर्या नागपुर के स्कूल में शिक्षक था और उसने सरकारी योजना के तहत स्कूल में स्वच्छता अभियान के तहत काम किया था। इस काम के लिए उसका खुद का करीब 70 लाख रुपये खर्च हुए थे और पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने इस काम के लिए एक करोड़ रुपये मंजूर किया था, लेकिन यह रुपये रोहित आर्या को नहीं मिला था। इसके लिए रोहित आर्य कई बार आंदोलन कर चुका था।
इस बाबत दीपक केसरकर ने कहा कि रोहित आर्या को अपना बकाया पैसा लेने के लिए सरकार से संपर्क करना चाहिए था। सरकार की ओर से मंजूर पैसा मिलने के लिए प्रयास करना चाहिए था, इस तरह बच्चों को बंधक बनाना उचित नहीं है। इस मामले में पुलिस कार्रवाई करेगी।
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