Since: 23-09-2009
बलरामपुर । चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ का कहर अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। छत्तीसगढ़ के उत्तरी जिले बलरामपुर-रामानुजगंज में लगातार तीसरे दिन भी बेमौसम बारिश जारी है। आसमान में काले बादल छाए हैं और रुक-रुक कर हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
सड़कों पर कीचड़ और जलभराव से लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। कई निचले इलाकों में पानी घुस जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बाजारों में ग्राहकों की आवाजाही घट गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे पुल-पुलियाओं पर पानी बहने लगा है।
रामानुजगंज के सीमावर्ती क्षेत्रों में बहने वाली कन्हर नदी और सोननदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक और बारिश की संभावना जताई है।
धान की फसल पर संकट और गहराया
किसानों की परेशानी अब चरम पर है। खेतों में कटाई के लिए तैयार धान की फसल पानी में डूब गई है। कई जगहों पर भंडारित धान भीगने से खराब हो गया है। किसान सुरेश तिवारी ने बताया, हमने फसल काट ली थी, लेकिन बारिश ने सब बर्बाद कर दिया। अब सूखने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही।
इसी तरह किसान रामेश्वर यादव का कहना है कि, हर साल अक्टूबर के बाद मौसम खुल जाता था, पर इस बार नवंबर में भी लगातार बारिश ने नुकसान बढ़ा दिया है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि, बंगाल की खाड़ी से उठे इस तूफान का असर उत्तर छत्तीसगढ़ में 3 से 4 दिन और रह सकता है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और नदी-नालों के किनारे जाने से बचने की अपील की है।
लगातार बारिश से लोग अब राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं। गांवों में लोग भगवान से मौसम सामान्य होने की प्रार्थना कर रहे हैं ताकि फसलों और घरों का नुकसान रुक सके।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |