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भोपाल । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार सुबह नगर निगम की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चाैपट हाे गई। वेतन कटाैती के विराेध में नगर निगम के हजारों सफाईकर्मियों ने अचानक काम बंद कर दिया और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। कर्मचारियों का आरोप है कि नगर निगम ने नया ऑनलाइन फेस रिकग्निशन अटेंडेंस सिस्टम लागू किया है, जिसके कारण 30 दिन काम करने के बावजूद उन्हें सिर्फ 15 दिन का वेतन मिल रहा है। इसी के विरोध में उन्होंने निगम कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया और गाड़ियों को यार्ड में खड़ा कर दिया।
बता दें भोपाल नगर निगम में 15 हजार से अधिक सफाईकर्मी हैं। निगम में 16 अक्टूबर से आधार बैस अटेंडेंस शुरू कर दी गई है। इससे पहले वे सार्थक एप से अटेंडेंस लगाते थे। नए सिस्टम की वजह से सफाईकर्मियों को 16 से 31 अक्टूबर तक की ही सैलरी मिली। शुक्रवार रात में तनख्वाह उनके अकाउंट में आ गई। आधे महीने की सैलरी मिलने से सफाईकर्मियों में नाराजगी बढ़ गई।
सफाई कर्मचारियाें क समर्थन में कांग्रेस भी मैदान में उतर गई है। कांग्रेस नेता रविंद्र साहू भी कर्मचारियों के बीच पहुंचे। रविंद्र साहू ने कहा कि भोपाल को स्वच्छ बनाने के लिए सफाईकर्मियों का सबसे बड़ा योगदान है। इसलिए उन्हें पूरी सैलरी दी जानी चाहिए। उनके समर्थन में भूख हड़ताल करने से भी पीछे नहीं हटूंगा। साथ ही महापौर और कमिश्नर से मांग की है कि सफाईकर्मियों की मांग का तत्काल निराकरण करें। इधर, निगम में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने भी मांग को जायज ठहराया।
कर्मचारी नेता ने मांग काे जायज ठहराया
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने इसे साफ अपमान बताया। उनका कहना है कि जो कर्मचारी रात-दिन मेहनत करके भोपाल को स्वच्छ बनाए रखते हैं, उन्हें आधे वेतन पर काम करने को मजबूर करना उचित नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से तत्काल संज्ञान लेने और सफाईकर्मियों को सम्मानजनक वेतन देने की मांग की।
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