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जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए हमारी सरकार कटिबद्धः : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
bhopal,   government is committed, Chief Minister Dr. Yadav
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम गौरव से भरे हैं कि मध्य प्रदेश देश का सर्वाधिक जनजातीय आबादी वाला प्रदेश है। प्रदेश में जनजातीय वर्ग की 21 प्रतिशत आबादी निवास करती है। जनजातीय वर्ग के लोग प्रकृति का संरक्षण करते हुए इसी की छाया में अपना जीवन बिताते हैं। इन सभी जनजातियों के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए हमारी सरकार कटिबद्ध है। जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती एवं जनजातीय गौरव वर्ष के उपलक्ष्य में केन्द्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ऑल इंडिया एनजीओ मीट को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को बेहद गौरवपूर्ण तरीके से मनाई जाएगी। जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिए विचार मंथन जरूरी है। इसके लिए देशभर से स्वयंसेवी संस्थाओं के पदाधिकारी भोपाल में एकत्रित हुए हैं। इस विचार मंथन से जो अमृत निकलेगा, वह हमारी पूंजी है। जनजातियों के कल्याण के लिए सरकार सभी स्वयंसेवी संस्थाओं एवं कल्याणकारी कार्यक्रम चलाने वाली संस्थाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेगी।
 
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर एक दिवसीय मीट का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए गैर-सरकारी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस पुनीत कार्य में राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ संस्थाओं के साथ खड़ी है। जनजातीय कल्याण हमारी सरकार की प्रतिबद्धता है। राज्य सरकार ने रानी दुर्गावती के 300वें जयंती वर्ष में उन्हें समर्पित कैबिनेट बैठक का आयोजन जबलपुर में किया। राज्य सरकार राजा शंकर शाह, कुंवर रघुनाथ शाह के जनहितैषी कार्यों को भी जनता के बीच लेकर आई है। हमारी सरकार ने खरगोन जैसे ट्राइबल बेल्ट में टंट्या मामा भील के नाम पर विश्वविद्यालय स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि शासन के कार्यों में स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग मिलने से लक्ष्य प्राप्ति में आसानी होती हैं। 15 नवम्बर को जबलपुर और आलीराजपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह के जरिए भगवान बिरसा मुण्डा का 150वां जन्म जयंती समारोह मनाया जा रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हम गौरवान्वित हैं कि देश-प्रदेश के जनजातीय भाईयों के कल्याण के क्षेत्र में कार्य कर रहे एनजीओ के नेशनल कॉन्क्लेव आयोजन का सौभाग्य हमें मिला है। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार ने हमेशा जनजातीय सशक्तिकरण को ही अपनी नीतियों के केन्द्र में रखा है। जनजातीय कल्याण से जुड़ी योजनाओं को लागू करने तथा दूर-दराज के क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों के स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, रोजगार, पर्यटन विकास जैसे क्षेत्रों में एनजीओ बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


मध्य प्रदेश है जनजातियों से पुष्पित और पल्लवित भूमि
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश जनजातियों का घर है। देश में सबसे ज्यादा जनजातियां मध्य प्रदेश में निवास करती हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जनजातियों का गौरव लौटा है। प्रधानमंत्री मोदी उन्हें पूज रहे हैं। आज राष्ट्रपति भवन से लेकर गांवों के पंचायत भवनों तक जनजातीय भाई-बहनों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है। पीएम जन-मन और धरती आबा जैसे अभियान जनजातीय भाई-बहनों के सशक्तिकरण का आधार बन रहे हैं। गरीब कल्याण के लिए चलाई जा रही अनेक योजनाओं से जनजातीय भाई-बहनों का जीवन आसान हुआ है। पेसा नियमों ने जनजातीय भाई-बहनों को सशक्त बनाया है।


मध्य प्रदेश में जनजातीय जननायकों की स्मृतियों को सहेज रही है हमारी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना हो या देशभर में जननायकों के सम्मान में संग्रहालयों और स्मारकों का निर्माण हो। हम अपने जननायकों की स्मृतियां सहेज रहे हैं। पाठ्यक्रमों में जननायकों की जीवनी को शामिल किया गया है, जिससे आने वाली पीढ़ी अपने असली नायकों से परिचित हो सके। हमारी सरकार ने जन-जन तक अमर राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह की वीरता को पहुँचाने और उनकी स्मृतियों को सहेजने के लिए जबलपुर में राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का निर्माण कराया है। भोपाल स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर और पातालपानी रेलवे स्टेशन का नामकरण जननायक टंट्या भील स्टेशन किया गया। हम प्रदेश में जननायकों और वीरांगनाओं की शौर्य गाथा जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। वीरांगना रानी दुर्गावती को समर्पित 2 कैबिनेट बैठक जबलपुर और सिंग्रामपुर (दमोह) में हो चुकी हैं। बीते 3 जून को हमने पचमढ़ी में राजा भभूत सिंह को समर्पित कैबिनेट बैठक की। उन्होंने कहा कि आज के इस नेशनल कॉन्क्लेव में 4 सेक्टरों शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, वन अधिकार अधिनियम एवं ट्राइबल गर्वनेंस पर इन्टरैक्टिव चर्चाएं होंगी। इसमें प्राप्त निष्कर्ष केन्द्र एव राज्य सरकार को अपनी योजनाओं के निर्माण एवं क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।


केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर जनरल अंशु सिंह ने कहा कि जनजातीय गौरव भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से पीएम जन-मन और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कृर्ष अभियान जैसे अनेक कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। सामान्य एवं जनजातीय समुदायों में 2011 में साक्षरता दर का अंतर 14 प्रतिशत था, जो अब घटकर 6 प्रतिशत हो गया है। शिशु मृत्युदर में भी कमी आई है, लेकिन अभी और कार्य करने की आवश्यकता है। शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका से संबंधित सरकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गैर-सरकारी संस्थाओं का सहयोग भी लिया जा रहा है।


कार्यक्रम में मप्र के मंत्रीगण डॉ. कुंवर विजय शाह व कृष्णा गौर, विधायक भगवानदास सबनानी, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी, पद्मश्री महेश शर्मा, स्वामी रामकृष्ण मिशन से आए स्वामी अनुरागानंद, सुरेश स्वामी, मुकेश गौर, किशोर धाकड़े, राजाराम कटारा, प्रमुख सचिव गुलशन बामरा, जनजातीय कार्य आयुक्त सतेंद्र सिंह, प्रीति मैथिल सहित बड़ी संख्या में देश-प्रदेश से आए गैर-सरकारी संगठनों के पदाधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

MadhyaBharat 12 November 2025

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