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भोपाल। पन्ना की वर्षों पुरानी तमन्ना आखिरकार पूरी हो गई है। पन्ना के विश्व प्रसिद्ध हीरे को आधिकारिक तौर पर जी.आई. टैग मिल गया है। मध्य प्रदेश का 21वाँ जी.आई. उत्पाद बनकर पन्ना का हीरा अब न सिर्फ देश में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी नई पहचान बनाने जा रहा है। मुख्यमंत्री डाॅ. माेहन यादव ने पन्ना के हीरे काे जीआई टैग मिलने पर खुशी जाहिर की है। उन्हाेंने कहा है कि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पन्ना डायमंड चमकेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार काे कहा है कि हीरा नगरी 'पन्ना जिले' के हीरे को भारत सरकार द्वारा जीआई (ज्योग्रोफिकल इंडिकेशन) टैग मिलना सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के लिए गौरव का विषय है। इससे पन्ना डायमंड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकेगा और पन्ना के युवाओं तथा कारीगरों को स्थानीय स्तर पर नए अवसर मिलेंगे। पन्ना जिले के हीरे सर्टिफाइड और प्रीमियम प्राकृतिक उत्पाद के रूप में विश्व बाजार में उपलब्ध होंगे और पन्ना के इन प्राकृतिक हीरों को ही पन्ना डायमंड के नाम से बेचा जा सकेगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि जी.आई. टैग मिलने से पन्ना के हीरे की ब्रांड वैल्यू में बड़ा इजाफा होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे यहां के स्थानीय खनन क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर खुलेंगे और हजारों परिवारों को लाभ मिलेगा। साथ ही हीरों की पारदर्शिता, गुणवत्ता और पहचान को विश्व स्तर पर एक नया दर्जा मिलेगा। स्थानीय प्रशासन और हीरा उद्योग के जानकारों के अनुसार, जी.आई. टैग मिलने से पन्ना को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अलग पहचान मिलेगी। निर्यात के अवसर बढ़ेंगे और प्रदेश को राजस्व में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है। पन्ना के लोगों में इस उपलब्धि को लेकर खुशी का माहौल है। लंबे समय से लंबित यह मांग पूरी होने के बाद अब पन्ना जिले का नाम एक बार फिर वैश्विक नक्शे पर चमकने को तैयार है ठीक वैसे ही जैसे यहां की धरती से निकलने वाला अनमोल हीरा।
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