भोपाल। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भोपाल के राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के कुलपति प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत त्याग-पत्र को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। एक दिन पहले गुरुवार को ही प्रो. त्रिपाठी ने कैंपस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के विरोध प्रदर्शन और घेराव के बाद शाम 6 बजे इस्तीफे की पेशकश की थी। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने शुक्रवार को उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए इससे जुड़े आदेश जारी कर दिए हैं।
जारी आदेश के अनुसार, राज्यपाल पटेल ने राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अधिनियम-1998 के प्रावधानों के अंतर्गत विश्वविद्यालय के नये कुलपति की नियुक्ति होने तक आर.जी.पी.वी. भोपाल के संकायाध्यक्ष इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोफेसर एस.सी. चौबे को पदभार संभालने के लिए निर्देशित किया है।
गौरतलब है कि आरजीपीवी की नैक मूल्यांकन प्रक्रिया पर लगातार सवाल खड़े हो रहे थे। एबीवीपी ने भी कैंपस में विरोध प्रदर्शन के साथ राज्यपाल से लेकर उच्च शिक्षा मंत्री तक से कार्रवाई की मांग की थी। एबीवीपी ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय ने ए ब्लस प्लस ग्रेड हासिल करने के लिए एसएसआर रिपोर्ट में कई गलत और भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किए हैं। एबीवीपी कार्यकर्ता शिवम जाट ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा अपलोड की गई एसएसआर रिपोर्ट में 22 गंभीर अनियमितताएं हैं। यह रिपोर्ट नैक टीम आने से पहले सार्वजनिक की जानी थी, लेकिन इसे 17 नवंबर को अचानक अपलोड किया गया, जो प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाता है। प्रांत मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा कि यह अकादमिक भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा उदाहरण है।
गलत एसएसआर रिपोर्ट के विरोध में गुरुवार को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कुलपति कक्ष के बाहर प्रदर्शन किया था। उनकी मांग थी कि एसएसआर फर्जीवाड़े में शामिल सभी दोषियों पर एफआईआर दर्ज की जाए। आरजीपीवी में तत्काल धारा 54 लागू की जाए और विश्वविद्यालय को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जाए ताकि प्रशासनिक क्षमता सुधरे।