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कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों के लिए बनेगा एडवेंचर पार्क
jagdalpur, Adventure park, Kanger Valley National Park
जगदलपुर । बस्तर जिले के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पहले से ही बम्बू राफ्टिंग, कायकिंक और ट्रैकिंग जैसी कई साहसिक गतिविधियां उपलब्ध हैं। ऐसी गतिविधियां उद्यान के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने वाले पर्यटकों को रोमांचक अनुभव प्रदान कर रही हैं। इसी उद्यान में शीघ्र ही पर्यटकों के लिए एडवेंचर पार्क भी बनेगा, जिसकी तैयारी की जा रही है।
 
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक नवीन कुमार ने बताया कि पर्यटकों के लिए उद्यान में एडवेंचर पार्क बनाने की तैयारी की जा रही है। इससे उद्यान में पर्यटकों को और अधिक आकर्षित करेगा। उल्‍लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को की विश्व धरोहर की अस्थायी सूची में प्राकृतिक श्रेणी के अंतर्गत शामिल किया गया है।
 
बस्तर की कांगेर वैली राष्ट्रीय उद्यान अपनी प्राकृतिक सुंदरता चलते विश्व के विख्यात है। वर्ष 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला। नेशनल पार्क का एरिया 200 वर्ग किलोमीटर है, नेशनल पार्क के आस-पास घने जंगल भी है। उद्यान की सुंदरता को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इस पार्क में कई बड़े जलप्रपात हैं, बड़ी-बड़ी और लंबी-लंबी सुंदर गुफाएं हैं, नदी नालों की प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज जंगली जानवरों की भी यहां बड़ी संख्या में मौजूदगी है। उद्यान अपनी जैव विविधता, घने जंगलों और अद्भुत गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है। उद्यान का नाम यहां बहने वाली कांगेर नदी से लिया गया है।
 
राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में साल, सागौन और बांस के वृक्षों से आच्छादित है। यहां 555 से अधिक शाकाहारी प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 45 दुर्लभ हैं। जैवविविधता से भरपूर यह उद्यान में विभिन्न वनस्पति, वन्यजीव और विशेष प्रजाति के प्रजातीय पाए जाते है, 963 प्रकार की वनस्पतियां, जिनमें 120 फ़ैमिली और 574 प्रजातियां शामिल हैं। यहां दुर्लभ ऑर्किड की 30 प्रजातियां दर्ज की गई हैं। 49 स्तनपायी, 210 पक्षी, 37 सरीसृप, 16 उभयचर, 57 मछलियां और 141 तितली प्रजातियां है । बस्तर हिल मैना (छत्तीसगढ़ का राज्य पक्षी), ट्रैवणकोर वुल्फ स्नेक, ग्रीन पिट वाइपर, मोंटेन ट्रिंकेट स्नेक जैसी दुर्लभ प्रजातियां है । पर्यटन के लिहाज से भी कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान बेहद महत्वपूर्ण है। यहां की कुटुम्बसर, कैलाश और डंडक - गुफाएं भूवैज्ञानिक संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर धारा और भैंसा दरहा जैसे स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। यह क्षेत्र न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है बल्कि संरक्षण और अनुसंधान के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही पर्यटकों के लिए उद्यान में एडवेंचर पार्क बनने पर इससे राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों को और अधिक आकर्षित करेगा।
MadhyaBharat 24 November 2025

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