के.ए. सेंगोट्टैयन टीवीके में शामिल
चेन्नई। तमिलनाडु में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) से निष्कासित वरिष्ठ नेता और नौ बार के विधायक के.ए. सेंगोट्टैयन ने गुरुवार को तमिल सुपरस्टार विजय की पार्टी तमिलागा वेट्ट्री कझगम (टीवीके) में अपने समर्थकों के साथ शामिल होकर तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा बदलाव कर दिया। यह फैसला उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र गोबिचेट्टिपालयम के विधायक पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद लिया।
टीवीके के संस्थापक विजय ने सेंगोट्टैयन को फूलों का गुलदस्ता और पार्टी की सदस्यता कार्ड देकर उनका स्वागत किया। इस दौरान अन्नाद्रमुक की पूर्व सांसद सत्यभामा भी मौजूद थीं, जिन्हें विजय ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। समारोह में सेंगोट्टैयन के सैकड़ों समर्थक भी शामिल हुए।
"मेरे भाई, आंदोलन की ताकत"-विजय
विजय ने उन्हें पार्टी में शामिल करने को लेकर एक वीडियो संदेश भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, "सेंगोट्टैयन जी पिछले 50 वर्षों से इस आंदोलन के लिए काम कर रहे हैं। उनका अनुभव, समर्पण और जनता के बीच मजबूत पकड़ टीवीके के लिए बड़ी शक्ति है।" उन्होंने एम.जी.आर. के उस निर्णय का भी जिक्र किया, जब उन्होंने मात्र 20 वर्ष की उम्र में सेंगोट्टैयन को पार्टी में शामिल कर विधायक बनाया था। माना जा रहा है कि उन्हें टीवीके में एक महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है।
एआईएडीएमके से निष्कासन बना मोड़
एआईएडीएमके महासचिव ई.के. पलानीस्वामी ने अक्टूबर में सेंगोट्टैयन को पार्टी-विरोधी गतिविधियों और पार्टी से निकाले गए नेताओं के संपर्क में रहने के आरोप में निष्कासित कर दिया था। इसके बाद सेंगोट्टैयन ने पलानीस्वामी पर तानाशाही का आरोप लगाया था और निष्कासन को अदालत में चुनौती देने की बात कही थी।
पलानीस्वामी ने आज इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा, "चूंकि सेंगोट्टैयन अब एआईएडीएमके में नहीं हैं, इसलिए उनके टीवीके में शामिल होने पर मैं टिप्पणी नहीं करूंगा।"
इरोड में समीकरण बदल सकते हैं
सेंगोट्टैयन इरोड जिले में मजबूत राजनीतिक प्रभाव रखते हैं। उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से नौ बार चुनाव जीता है। 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उनका टीवीके में शामिल होना पार्टी के लिए बड़ा राजनीतिक लाभ माना जा रहा है।
तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सेंगोट्टैयन का टीवीके में शामिल होना नया राजनीतिक समीकरण खड़ा कर सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, यह कदम विजय की पार्टी के लिए बड़ा राजनीतिक आधार बनाने का अवसर भी साबित हो सकता है।