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नई दिल्ली । तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को दिल्ली में चुनाव आयोग से मिला और मुख्य रूप से विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से संबंधित अपनी शिकायतें उसके समक्ष रखी। तृणमूल कांग्रेस के 10 सांसदों वाले इस प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से करीब दो घंटे तक बातचीत की।
आयोग से मुलाकात के बाद तृणमूल नेताओं ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने आयोग के समक्ष अबतक 40 लोगों की मृत्यु होने की बात कही, जिसे एसआईआर से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयोग को इसके लिए दोषी बताया। इस दौरान हमने पांच प्रश्न उठाए जिनका हमें जवाब नहीं मिला।
तृणमूल कांग्रेस वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रॉयन ने कहा कि हमने 40 लोगों की सूची चुनाव आयोग को सौंपी। इनकी मौत सीधे एसआईआर प्रक्रिया से जुड़ी थीं। हैरानी की बात है कि चुनाव आयोग ने इन्हें केवल आरोप कह कर खारिज कर दिया। उनका मानना है कि ‘चुनाव आयोग के हाथ खून से रंगे हैं।’
महुआ मोइत्रा ने कहा कि हमने पाँच खास सवाल उठाए। हमने पूछा कि अगर एसआईआर का मकसद गैर-नागरिकों की पहचान करना था तो बिहार में फाइनल गिनती क्या थी? एसआईआर केवल बंगाल में ही क्यों किया जा रहा है, अन्य पूर्वोत्तर के राज्यों में भी घुसपैठ को लेकर चिंता है? असम में सिर्फ स्पेशल रिवीजन क्यों हो रहा है, इंटेंसिव क्यों नहीं? चुनाव आयोग कहता है कि पिछली मतदाता सूची भरोसे लायक नहीं है तो इस तर्क से पूरी लोकसभा की वैधता पर सवाल उठते हैं?
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