नई दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेंसर बोर्ड को निर्देश दिया है कि वो फिल्म धुरंधर को रिलीज करने से पहले शहीद मेजर मोहित शर्मा के माता-पिता की चिंताओं पर विचार करें। जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने शहीद मेजर मोहित शर्मा के माता-पिता की फिल्म की रिलीज को रोकने की मांग पर ये आदेश दिया। फिल्म इसी माह रिलीज होने वाली है।
कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को ये भी अधिकार दिया है कि वो फिल्म को मंजूरी के लिए भारतीय सेना के संबंधित अफसरों के पास भेज सकते हैं। स्व. मेजर मोहित शर्मा की मां सुशीला शर्मा और पिता राजेंद्र प्रसाद शर्मा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके अपने बेटे की विरासत और व्यक्तित्व की सुरक्षा की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि रिलीज होने से पहले फिल्म परिवार के लोगों को दिखाई जानी चाहिए। सुनवाई के दौरान सेंसर बोर्ड की ओर से पेश वकील ने कहा कि फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है और सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड ने पाया कि ये फिल्म बायोपिक नहीं है और भारतीय सेना को भी इस फिल्म को रिलीज करने पर कोई आपत्ति नहीं है।
सुनवाई के दौरान फिल्म के निर्माता जियो स्टूडियोज ने कहा कि फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित जरुर है, लेकिन इसका स्व. मेजर मोहित शर्मा के जीवन और व्यक्तित्व से कोई लेना-देना नहीं है और यह कराची अंडरवर्ल्ड की पृष्ठभूमि पर आधारित है। तब कोर्ट ने याचिकार्ताओं से पूछा कि आपको क्यों लगता है कि ये फिल्म स्व. मेजर मोहित शर्मा पर आधारित है। तब याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि फिल्म का ट्रेलर और इसके तथ्य बताते हैं।