धार । मध्य प्रदेश के धार जिले में आगरा-मुंबई नेशनल हाइवे पर खलघाट टोल नाके पर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले मालवा-निमाड़ क्षेत्र में किसानों और मजदूरों की समस्याओं को लेकर बड़ा आंदोलन हो रहा है। यहां चार जिलों - खरगोन, धार, बड़वानी, खंडवा के हजारों किसान साेमवार सुबह से ही प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने खलघाट में नेशनल हाईवे-52 पर चक्काजाम कर दिया है। कुछ किसान सड़क के बीचोंबीच पेड़ रखकर उस पर बैठ गए हैं। मौके पर पुलिस अधिकारियों समेत 400 का बल तैनात है।
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कर्जमाफी समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि पिछले पांच महीने में हमने सरकार को कई आवेदन दिए, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जब तक मांगे पूरी नहीं होती, उठेंगे नहीं। यहां सोमवार सुबह से किसान डटे हुए हैं। दोपहर करीब 12.15 बजे किसानों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। किसानों के चक्काजाम करने के बाद पुलिस छोटे वाहनों को निकलवा रही थी। लेकिन अब किसान सड़क के बीचोंबीच पेड़ रखकर उस पर बैठ गए हैं, जिससे दोपहिया वाहन भी निकल नहीं पा रहे हैं।
किसानों की संख्या बढ़ने के साथ ही आंदोलन तेज हो गया है। वे नारेबाजी भी कर रहे हैं। मनावर एसडीएम लगातार किसानों से कानून व्यवस्था अपने हाथ में न लेने की अपील कर रहे हैं। किसान खलघाट में करीब 500 मीटर के एरिया में जमे हुए हैं। कुछ हाईवे पर बैठे हैं। कुछ खड़े होकर नारेबाजी कर रहे हैं तो कुछ ने टोल नाके को घेर रखा है। प्रशासन की ओर से लगातार अनाउंसमेंट कर टोल नाके को खाली करने की समझाइश दी जा रही है, लेकिन किसान सुनने को तैयार नहीं हैं। मनावर एसडीएम प्रमोद गुर्जर ने कहा कि टोल गेट के आसपास प्रतिबंधात्मक आदेश लागू है। इसलिए यहां से उन्हें हटाया जा रहा था। ड्रोन से सब पर नजर रखी जा रही है।
आंदोलन में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए हैं और नेशनल हाईवे पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। उनके बैठने कि लिए यहां कारपेट बिछाई गई है। पुलिस अधिकारी लगातार किसान नेताओं से बात कर समझाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच एक गंभीर मरीज को इंदौर के लिए रेफर किया गया था। मरीज को ले जा रही एम्बुलेंस किसानों के धरनास्थल पहुंची। यहां किसानों ने जगह देकर एम्बुलेंस को टोल टैक्स के पार करवाया गया।
खलघाट में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने जा रहे खरगोन जिले के 100 से अधिक किसानों को कसरावद से पहले रोक दिया गया। इसके विरोध में किसानों ने इंदौर रोड पर चक्काजाम कर नारेबाजी की। वहीं, धार जिले के धामनोद में भी किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों का कहना है कि हम हमारी मांगों को लेकर लगातार यहां पर बैठे रहेंगे।
खलघाट टोल पर चल रहे किसानों के आंदोलन को लेकर शाम 4 बजे धामनोद के महेश्वर रोड स्थित आईआईटी परिसर में धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा व किसानों के बीच बैठक हुई। इसमें कोई नतीजा नहीं निकला। किसानों ने कहा हमारा आंदोलन जारी रहेगा बैठक के बाद कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमने किसानों को यह बात समझाई कि चक्काजाम किसी समस्या का हल नहीं है। दिन के समय भी कई डायवर्जन करना पड़ा। इमरजेंसी में एक मिनट भी कीमती होता है। वे शांतिपूर्ण रूप से ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांगें रख सकते हैं। राज्य सरकार की बात राज्य सरकार और केंद्र की बात केंद्र सरकार तक पहुंचाई जाएगी।
खलघाट के किसान मोहित पाटीदार ने बताया कि आंदोलन में शामिल होने धार, बड़वानी समेत कई जिलों से किसान आए है। वे यहां अपनी-अपनी व्यवस्था के साथ आए थे। किसानों के लिए भोजन तैयार किया जा रहा है। जब तक मांगें पूरी नहीं होगी तब तक हम यहां डटेंगे। धार कलेक्टर और एसपी के साथ किसानों की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला। किसानों ने कहा कि हम यहां डटे रहेंगे। किसानों ने यहां रात के लिए खाना बनाना शुरू कर दिया है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जिला पदाधिकारी मुकेश पाटीदार ने बताया कि किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया, जिसके विरोध में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया। करीब तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा। इसके बाद वाहनों को छोड़ा गया। दोपहर 3:30 बजे के बाद किसान खलघाट आंदोलन स्थल पहुंचे।
खलघाट धरनास्थल पर किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश किसान कांग्रेस के महासचिव सुनील चौहान ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार किसानों का शोषण कर रही है। यह सरकार उद्योगपतियों की सरकार है न कि गरीब किसान आदिवासी मजदूर की है। हम आंदोलन के माध्यम से अपनी मांग मनवाने की ताकत रखते हैं और किसान देश का अन्नदाता है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर यूनियन के समन्वयक वल्लभ पटेल ने कहा कि अगर सरकार बैठकर बात करे तो हम तैयार हैं। नही तो प्लान बी के तहत किसान टोल पर आंदोलन करते रहेंगे। अपने परिवार की मदद से लॉकडाउन जैसी स्थिति निर्मित करेंगे। किसान की ओर से दूध, सब्जी, फल और सभी समान की सप्लाई बंद कर दी जाएगी।