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गीता जयंती और अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर को एक खास तोहफा दिया। प्रदेश का पहला आधुनिक शासकीय गीता भवन जनता के लिए खोला गया, जो सिर्फ एक इमारत नहीं बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सीखने का केंद्र है। इंदौर के राजवाड़ा स्थित ऐतिहासिक गोपाल मंदिर परिसर में बने इस गीता भवन की योजना है कि आने वाले समय में हर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में ऐसे ही भवन बनाए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गीता सिर्फ जीवन में रास्ता दिखाने के लिए नहीं है, बल्कि मुश्किल समय में हिम्मत, सही फैसले लेने की ताकत और कर्तव्य निभाने की प्रेरणा भी देती है। गीता के हर अध्याय में ज्ञान, दर्शन, विज्ञान, योग और जीवन के मूल्य मिलते हैं। मालवा क्षेत्र की कृष्ण भक्ति की पुरानी परंपरा, उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण का शिक्षा ग्रहण और अहिल्याबाई होलकर द्वारा धर्मस्थलों का जीर्णोद्धार इस जगह की सांस्कृतिक धरोहर को और भी समृद्ध बनाते हैं। गीता भवन न केवल आध्यात्मिक सीख के लिए, बल्कि युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक मूल्य बढ़ाने के लिए भी एक प्रेरक केंद्र बनेगा।
आधुनिक सुविधा और पारंपरिक विरासत का संगम
गीता भवन की डिजाइन में पारंपरिक और आधुनिक शैली का सुंदर मिलाजुला नज़र आता है। यहाँ 550 सीट वाला सभागृह है, जहाँ सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रवचन और व्याख्यान आयोजित किए जा सकते हैं। साथ ही, डिजिटल लाइब्रेरी और 50-सीटर रीडिंग हॉल में पढ़ाई करने वाले छात्रों और शोधकर्ताओं को शांत और आरामदायक माहौल मिलेगा। यहाँ करीब 1200 किताबें हैं, जिनमें आध्यात्मिक, दर्शन, योग, माइंडफुलनेस और जीवन प्रबंधन जैसे विषय शामिल हैं। डिजिटल आर्काइव के जरिए ई-बुक्स, ऑडियो-वीडियो व्याख्यान और ऑनलाइन कोर्स भी उपलब्ध हैं, जिससे आधुनिक तकनीक और पारंपरिक ज्ञान का अच्छा मेल बनता है। गीता भवन में प्राकृतिक रंग, हल्की रोशनी, इनडोर पौधे और आध्यात्मिक कलाकृतियाँ इसे पढ़ाई और ध्यान के लिए एक आदर्श जगह बनाती हैं। इसके अलावा, आकर्षक प्रदर्शनी कक्ष में धार्मिक इतिहास, कला और संस्कृति से जुड़ी प्रदर्शनियाँ समय-समय पर लगाई जाएंगी, ताकि लोग हमारी विरासत और संस्कृति को और करीब से जान सकें। यह भवन सिर्फ पढ़ाई का केंद्र नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति की जागरूकता का भी केंद्र बनेगा।
गीता भवन में आध्यात्मिक शिक्षा और विकास
गीता भवन के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गोपाल मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। उन्होंने युवाओं के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ई-रिक्शा, ई-बाइक और लैपटॉप भी दिए, ताकि वे समाज और देश के निर्माण में योगदान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीकृष्ण के जीवन से हमें संगठन, हिम्मत, धर्म की रक्षा और अन्याय के खिलाफ लड़ने का संदेश मिलता है। गीता जीवन के हर मोड़ पर हमारा मार्गदर्शन करती है। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि अगर हर व्यक्ति अपने कर्तव्य ईमानदारी से निभाए, तो समाज और देश दोनों मजबूत होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत गीता भवन जैसे आधुनिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाकर विरासत और आधुनिक विकास को एक साथ जोड़ा जा रहा है। इससे प्रदेशवासियों को आध्यात्मिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक रूप से आगे बढ़ने का मौका मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा। गीता भवन सिर्फ इंदौर का ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का गर्व और आध्यात्मिक केंद्र बनेगा।
Patrakar Vandana singh
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