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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आज भारत के विकास के संकल्पों को दुनिया अपने लक्ष्यों की प्राप्ति का माध्यम मान रही है। वैश्विक शांति हो, वैश्विक समृद्धि हो, वैश्विक चुनौतियों से संबंधित समाधान हों या वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का सशक्तिकरण हो, दुनिया भारत की तरफ बड़े भरोसे से देख रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज जैन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन के 'जीतो कनेक्ट 2022' के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञता का क्षेत्र, कार्य क्षेत्र चाहे जो भी हो, विचारों में चाहे जितनी भी भिन्नता हो, लेकिन नए भारत का उदय सभी को जोड़ता है। आज सभी को लगता है कि भारत अब 'संभावना और क्षमता' से आगे बढ़कर वैश्विक कल्याण के एक बड़े उद्देश्य के लिए कार्य कर रहा है। सही उद्देश्य, स्पष्ट इरादा और अनुकूल नीतियों से जुड़ी अपनी बातों को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि आज देश; जितना संभव हो सकता है, प्रतिभा, कारोबार और प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज देश प्रतिदिन दर्जनों स्टार्टअप का पंजीकरण कर रहा है, प्रति सप्ताह एक यूनिकॉर्न बना रहा है।
मोदी ने कहा कि जब से सरकारी ई-मार्केटप्लेस यानी जीईएम पोर्टल अस्तित्व में आया है, सारी खरीद सबके सामने एक प्लेटफॉर्म पर होती है। अब दूरदराज के गांवों के लोग, छोटे दुकानदार और स्वयं सहायता समूह अपने उत्पाद सीधे सरकार को बेच सकते हैं। उन्होंने बताया कि आज जीईएम पोर्टल पर 40 लाख से अधिक विक्रेता जुड़ चुके हैं। उन्होंने पारदर्शी 'फेसलेस' टैक्स निर्धारण, एक राष्ट्र-एक टैक्स, उत्पादकता से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में भी बात की।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भविष्य का हमारा रास्ता और मंजिल दोनों स्पष्ट हैं। आत्मनिर्भर भारत हमारा रास्ता भी है और संकल्प भी। बीते सालों में हमने इसके लिए हर ज़रूरी माहौल बनाने में निरंतर परिश्रम किया है।
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