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नई दिल्ली। एक हिन्दू संगठन से जुड़े सदस्यों ने मंगलवार को कुतुब मीनार परिसर के बाहर पहुंचकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। साथ ही मांग की कि स्मारक का नाम बदल कर ‘विष्णु स्तंभ’ किया जाए। घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने 44 लोगों को हिरासत में लिया।
पुलिस ने एहतियातन यूनाइटेड हिंदू फ्रंट की ओर से की गई घोषणा के चलते इसके अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जय भगवान गोयल को उसके घर में ही नजरबंद कर दिया था। बावजूद इसके यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और राष्ट्रीयवादी शिव सेना से जुड़े 50 लोग मंगलवार को कुतुब मीनार के बाहर पहुंचे। यहां उन्होंने हनुमान चालीसा का पाठ किया।
दक्षिणी जिले के डीसीपी बेनिता मैरी जैकर ने मंगलवार को कहा कि परिसर के बाहर पाठ करने की अनुमति पुलिस की ओर से नहीं दी गई थी। बावजूद इसके लोगों ने विरोध प्रदर्शन सड़क पर करना शुरू कर दिया था। इस कारण यातायात अवरुद्ध हो गया था और वहां से गुजरने वाले राहगीरों और वाहन चालकों को दिक्कतें हो रही थी।
वहां मौजूद 44 लोगों को 65 डीपी एक्ट के तहत हिरासत में लिया गया था। हालांकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया। वहीं यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल ने दावा किया कि कुतुब मीनार विष्णु स्तंभ है, जिसे ‘महान राजा विक्रमादित्य’ ने बनावाया था। भगवान गोयल ने बयान जारी कर कहा कि कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका श्रेय लेने का प्रयास किया। परिसर में 27 मंदिर थे, जिन्हें ऐबक ने नष्ट कर दिया था। इसका प्रमाण उपलब्ध है।
गोयल का दावा है कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवताओं की रखी हुई मूर्तियों को लोग देख सकते हैं। उनका कहना है कि लोगों की मांग है कि कुतुब मीनार को विष्णु स्तंभ नाम दिया जाना चाहिए। विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने जय श्री राम का जाप और हनुमान चालीसा का पाठ किया। उन्होंने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थीं जिन पर कुतुब मीनार का नाम विष्णु स्तंभ किए जाने की मांग की गई थी।
गोयल ने दावा किया कि परिसर में मूर्तियां विभिन्न स्थानों पर रखी हुई हैं। उन्होंने मांग की कि उन मूर्तियों को एक ही स्थान पर रखा जाना चाहिए और वहां पूजा करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। गोयल ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी को अपनी मांगों के सिलसिले में एक ज्ञापन दिया है। उन्होंने कहा कि मंगलवार का हनुमान चालीसा पाठ और विरोध कार्यक्रम विभिन्न हिन्दू समूहों की मांग को रेखांकित करने के लिए था।
गोयल ने में कहा कि मंगलवार होने के साथ-साथ माता सीता का प्रकट उत्सव एवं महान क्रांतिकारी मंगल पांडे ने आज के ही दिन 1857 को अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई का बिगुल फूंका था। उन्होंने कहा कि मुगल शासकों ने हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करके मस्जिदों का जो निर्माण करवाया था। आज उन्हें मंदिरों में परिवर्तित करने का समय आ गया है। कुतुब मीनार के निर्माण में 27 मंदिरों के अवशेषों का जीर्णाेद्धार करके वहां पूजा-अर्चना का अधिकार मांग कर कुछ गलत नहीं कर रहे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने तानाशाही रवैया अपनाकर घर से निकलने तक नहीं दिया।
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