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शाजापुर। उज्जैन लोकायुक्त पुलिस की टीम ने शुक्रवार को शाजापुर जिले में एक पटवारी को तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। बताया गया है कि पटवारी ने एक किसान से जमीन के नामांतरण आदेश में त्रुटी को सुधारने के एवज में रिश्वत की मांग की थी, जिसकी शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया।
लोकायुक्त डीएसपी राजकुमार सर्राफ ने बताया कि शाजापुर निवासी योगेश पुत्र महेश पाटीदार ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी, जिसमें उसने बताया था कि उसने दो हजार स्क्वायर फीट का प्लाट महुपुरा हल्के में खरीदा है। इस प्लाट के नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन लगाया। आठ मार्च को तहसीलदार शाजापुर ने इस प्लाट का नामांतरण फरियादी के नाम कर दिया था, लेकिन इसमें वर्ग फीट की जगह वर्ग मीटर दर्ज हो गया था। जिसमें सुधार करने के लिए जब पटवारी आत्माराम धानुक के पास पहुंचा तो पहले तो वह उसे टालता रहा, लेकिन जब हाथ पैर जोड़े तो पटवारी ने तीन हजार रुपये की रिश्वत की मांग कर दी।
डीएसपी सर्राफ ने बताया कि लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद शुक्रवार को पूरी तैयारी के साथ फरियादी को पटवारी आत्मराम धानुक के पास भेजा था। पटवारी का निजी कार्यालय पुलिस अधीक्षक बंगले के सामने स्थिति है। यहां जैसे ही फरियादी योगेश ने पटवारी को कैमिकल लगे रुपये रिश्वत के रुप में देकर लोकायुक्त की टीम को इशारा किया, तब टीम ने पटवारी के कार्यालय में प्रवेश कर उसे रिश्वत के रुपये के साथ पकड़ लिया। इसके बाद विधिवत कार्रवाई की गई। कार्रवाई के पहले लोकायुक्त टीम द्वारा फरियादी योगेश को रिकार्डर दिया गया था। जिसमें भी पटवारी द्वारा रिश्वत मांगने को लेकर बातचीत रिकार्ड हुई थी।
उन्होंने बताया कि पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। फिलहाल आगे की कार्रवाई जारी है। यह कार्रवाई लोकायुक्त डीएसपी राजकुमार सर्राफ और सुनिल तालान के नेतृत्व में की गई।
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