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दिल्ली हिंसा के मामले में पेरोल पर आया था शाहरुख़
दिल्ली में CAA के विरोध के दौरान कई हिंसक घटनाएं हुई। उसमे एक प्रदर्शनकारी शाहरुख पठान ने पुलिस के सामने बंदूक तान दी थी। जिसको पुलिस ने हिरासत में लिया था। शाहरुख पठान को अब कोर्ट ने पैरोल दे दी है। लेकिन पैरोल पर रिहा होने वाले शाहरुख पठान का लोगों ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान पड़ोसियों ने उसके समर्थन में जुलूस निकाला। वह बीमार पिता को देखने 4 घंटे के लिए घर पहुंचा था। पुलिस भी मौजूद थी। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।जिसमे शाहरुख के घर के पास जुटी भीड़ उसका पीछा करते और समर्थन में नारेबाजी करते दिखाई दे रही है। कई लोग उससे हाथ मिलाने और मिलने धक्का मुक्की तक कर रहे हैं। आपको बताते चलें जिस शाहरुख पठान का पड़ोसियों ने इतना जोरदार स्वागत किया उसने दिल्ली में 24 फरवरी 2020 को हिंसा के दौरान हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया को मारने के इरादे से उन पर पिस्तौल तान दी थी। उसके बाद पठान फरार हो गया था। उसे 3 मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश के शामली जिले के बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। शाहरुख के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी थी कि मार्च में उसे एक दिन के लिए पैरोल दी गई थी। तब उसके पिता की सर्जरी होनी थी। हालांकि, शाहरुख का कहना था कि सर्जरी के लिए भर्ती होने की वजह से वह उस समय अपने पिता से नहीं मिल सका। दिल्ली में एंटी CAA प्रोटेस्ट के दौरान 3 दिन तक हिंसा हुई थी। इसमें 50 लोग मारे गए थे, जबकि 200 लोग घायल हुए थे। अब समाज में आरोपियों का स्वागत जुलूस निकलना किस हद तक सही है ये सोचने का विषय है। प्रोटेस्ट करना एक संविधानिक अधिकार हो सकता है। लेकिन प्रोटेस्ट के दौरान हिंसक घटनायें करना संविधानिक अधिकार नहीं है। सुरक्षा बालों पर पिस्टल तानना भी अधिकार में नहीं आता। लेकिन समाज ने आरोपी को ऐसे पेश किया जैसे वह कोई बहोत बड़ा देश हित में काम करके आया हो। समाज को इस विषय में सोचना होगा।
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