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पूर्व पीएम इमरान खान का दावा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का नाता हमेशा विवादों रहा है। चाहे वह फिर शादी को लेकर हो या फिर भारत विरोधी या यूं कहें की कश्मीर को लेकर विवादित बयान हो। हाल ही में इमरान खान को महंगाई , बेरोजगारी और कई मुद्दों को लेकर पद छोड़ना पड़ा था। या ये भी कहा जा सकता है की उनसे पीएम का पद छीन लिया गया। और अब वो एक्स प्रधानमंत्री हो गए हैं। दरअसल खस्ता हाल पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है चीन की गोद में बैठा पाकिस्तान कभी रूस तो कभी अमेरिका की तरफ कटोरे फैलाता है। महंगाई बेरोजगारी इस कदर है की जनता को किसी भी सरकार पर भरोसा नहीं है। सरकार पर भी भरोसा हो कैसे पाकिस्तान में कभी लोकतंत्र तो कभी मिलिट्री तो कभी आतंकवादी समर्थकों की सरकार बन जाती है। पाकिस्तान उन दस देशों की गिनती में आता है जिसने सबसे ज्यादा कर्ज लिया है। हालांकि कर्ज लेना कोई बड़ी बात नहीं है क्यूंकि कर्ज तो भारत सहित अधिकतर देशों ने लिया है। लेकिन अब पाकिस्तान की हालत ऐसी है की उसको कोई कर्ज देने को तैयार नहीं है। ले दे पाकिस्तान के पास एक ही चारा बचा है और वो है इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड imf लेकिन imf से कर्ज लेना यानी अपने देश को imf के हवाले कर देना अब पाकिस्तान उसी राह पर चल बैठा है। पाकिस्तान ने हाल ही में 30 , 30 रूपये कर दो बार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाएं और ये दाम इसलिए बढाए गए क्यूंकि imf ने कहा पाकिस्तान में पेट्रोल, डीजल और केरोसिन के दाम 30 रुपये प्रति लीटर पाकिस्तानी करंसी में बढ़ा दिए गए हैं। फाइनेंस मिनिस्टर मिफ्ताह इस्माइल ने गुरुवार रात कहा- सरकार के पास इसके अलावा कोई चारा नहीं है। हमें IMF की शर्तों को भी पूरा करना है और मुल्क के हित भी देखने हैं। खास बात यह है कि सिर्फ 6 दिन पहले पाकिस्तान में फ्यूल के रेट्स 30 रुपए प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। अब आते हैं मुद्दे की मुद्दे पर। जिस पर बवाल मचा हुआ है। पाकिस्तान के एक्स पीएम इमरान खान ने सरकार पर आरोप लगाया है की सरकार जिस तरह काम कर रही है उससे पाकिस्तान के तीन टुकड़े हो जायेंगे। अब जरा ये भी जान लीजिये की इमरान खान किस बात को लेकर इतने उतावले हो रहे हैं। .. इमरान ने कहा है कि पाकिस्तान खुदकुशी की ओर बढ़ रहा है। अगर शक्तिशाली संगठन, यानी सेना ने जल्द दखल देकर हालात नहीं सुधारे तो पाकिस्तान के तीन टुकड़े हो जायेंगे। जिसमे पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान बनेगा। इमरान ने कहा, 'मैं लिखकर दे सकता हूं कि अगर जल्द कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया गया तो सबसे पहले खुद सेना ही बर्बाद हो जाएगी। इमरान ने ये भी दलील दी की अगर सेना कमजोर हुई तो वह अपने न्यूक्लियर जखीरे की रक्षा नहीं कर पाएगी। पाकिस्तान का खजाना खाली है और भारत और अमेरिकी इसी ताक में बैठे हैं कि पाकिस्तान के कब टुकड़े हो जाएं। आपको बताते चलें की इमरान जल्द नए चुनाव के ऐलान को लेकर धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं और जिस वक्त वे इस तरह के बयान दे रहे हैं उस समय पाकिस्तान के वर्तमान पीएम शहबाज शरीफ तुर्की की यात्रा पर हैं। जहां दोनों देश व्यपार बढ़ाने की बात कह रहे हैं। समझौते हो रहे हैं। यहां तक की जहाज बनाने की भी बात की जा रही है लेकिन। अब ये कंगाल पाकिस्तान जहाज बनाने के सपने किसके दम पर देख रहा है ये आगे आने वाला समय ही बताएगा। बहरहाल पीपीपी प्रमुख आसिफ अली जरदारी ने इमरान के पकिस्तान के टुकड़े वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पलटवार करते हुए कहा कि इमरान ने हदें पार दी हैं। इमरान खान के ऐसे बयानों से साफ है कि उनमें देश को चलाने की कुव्वत नहीं थी। शरीफ ने कहा कि इमरान भले ही सियासत करें, लेकिन देश के खिलाफ चुप रहें। PPP प्रमुख आसिफ अली जरदारी ने कहा कि देश की बर्बादी चाहने वाले इमरान ये जान लें कि कयामत तक पाकिस्तान कायम रहेगा। अब थोड़ी सी बात इमरान खान के पिछले दिनों की कर लेते हैं। इनकी विदेश नीति को देख लेते हैं। क्या थी विदेश नीति और किसके बाद उनको पद छोड़ना पड़ा था। दरअसल रूस यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू ही हुआ था की पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान रूस से दोस्ती निभाने रूस यात्रा पर चले गए। जहां उन्होंने रूस की सरकार के साथ खूब गलबहियाँ की कई वादे और इरादे जाहिर किये। अब ये कह पाना मुश्किल है की ये उन्होंने जानबूझकर किया या फिर उन्हें इस बात का अंदाजा ही नहीं था की रूस यूक्रेन पर हमला कर देगा। इमरान के इस दौरे से अमेरिका और यूरोपीय देश नाराज हो गए। आप इसके ऐसे समझिये की अमेरिका ने पाकिस्तान के नेशनल बैंक पर 55 मिलियन यूएस डॉलर का जुर्माना लगाया। नेशनल बैंक ऑफ पाकिस्तान पर यह जुर्माना एंटी मनी लॉन्ड्रिंग नियमों का उल्लंघन करने पर लगा था। इमरान खान आरोप लगाते हैं कि विपक्ष ने अमेरिका के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराई है। और ये कुछ हद तक सही भी लगता है क्यूंकि पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद पाकिस्तान सरकार के मंत्री ने पहली यात्रा अमेरिका की की है। पाकिस्तान को जन्नत बनाने के वादे के साथ आये इमरान खान ने तीन साल में पाकिस्तान की नैया डुबो कर रख दी। हालाँकि इसके लिए सिर्फ इमरान खान जिम्मेदार नहीं हैं। पहले की भी सरकार थी। इसको ऐसे समझते हैं। पाकिस्तान पर फरवरी 2022 तक कर्ज चढ़कर 43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए हो चुका है. जिसमें से अकेले 18 लाख करोड़ रुपए का उधार वाला कर्ज साढ़े तीन साल में इमरान खान ने पाकिस्तान चलाने के लिए लिया। चीन पहले ही पाकिस्तान को 11 अरब डॉलर के कर्ज दे चुका है। पिछले वित्त वर्ष में पाकिस्तान ने ब्याज के तौर पर चीन को 26 अरब पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया था हर पाकिस्तानी के ऊपर अब 1 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज है इसमें इमरान खान की सरकार का योगदान 54901 रुपये है, जो कर्ज की कुल राशि का 46 फीसदी हिस्सा है। पाकिस्तान पर 50.5 ट्रिलियन के रिकॉर्ड स्तर पर का कर्ज है यानी करीब 283 अरब डॉलर का। लेकिन एक कहावत बनी है। रस्सी जल गई लेकिन बल नहीं गया। यही पाकिस्तान पर भी लागू होता है। कर्ज की तलवार सिर पर लटकाये पाकिस्तान पूरे विश्व में कश्मीर का राग अलापते रहता है। सरकार कोई भी आये सबसे पहले कश्मीर को लेकर सियासत चमकाने की कोशिश रहते हैं। बाद में हाल इमरान खान जैसे हो जाते हैं। पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों का भी मसीहा बनने की भी काफी कोशिश की है। लेकिन अब तक सफलता मिली नहीं है। पकिस्तान की आर्थिक स्थिति देखकर अब लगने लगा है की पाकिस्तान भी श्रीलंका के क़दमों पर चल पड़ा है। चीन के कर्ज के तले दबे पाकिस्तान के किस हिस्से को चीन दबा लेगा उसको पता भी नहीं चलेगा। पाकिस्तान ने उइगर मुसलमानों पर तो चुप्पी साध ही रखी है। खुद के देश में कब्जे पर भी चुप्पी साधनी पड़ सकती है। बहरहाल इमरान खान के टुकड़े वाले बयान पर अभी सियासत जारी है। अब देखना ये होगा की इमरान खान की बात कब तक सच साबित होती है।
MadhyaBharat
6 June 2022
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