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विपक्ष हुई हमलावर , सत्ता पक्ष ने दिया जवाब
अग्निवीर योजना जो की सेना में भर्ती की है , एक बार फिर चर्चा में है। सुप्रीम कोर्ट में योजना के खिलाफ सुनवाई हुई। अब जाति पूछकर भर्ती करने को लेकर विवाद हुआ। इस पर सरकार, सेना और भाजपा की ओर से सफाई दी गई। रक्षा मंत्रा राजनाथ सिंह ने साफ किया कि सेना की भर्ती प्रक्रिया में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। 1949 से जारी योजना का पालन हो रहा है। यही बात सेना की ओर से कही गई। बिहार में आरोप लगाया गया है कि अग्निवीर योजना के तहत जाति पूछकर भर्ती की जा रही है। जदयू नेता उपेंद्र कुशवाह ने ट्वीट किया, 'माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी, सेना की बहाली में जाति प्रमाण पत्र की क्या जरूरत है, जब इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान ही नहीं है। संसद में भी यह मुद्दा उठा। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, मोदी सरकार का असली चेहरा देश के सामने आ चुका है। क्या मोदी जी दलितों/पिछड़ों/आदिवासियों को सेना भर्ती के क़ाबिल नही मानते? भारत के इतिहास में पहली बार “सेना भर्ती “ में जाति पूछी जा रही है। मोदी जी को “जातिवीर” बनना है। अग्निवीर के खिलाफ दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि केंद्र सरकार की इस भर्ती योजना के खिलाफ दिल्ली, केरल, पटना, पंजाब और उत्तराखंड हाई कोर्ट में याचिकाएं दर्ज हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेहतर होगा कि याचिकाओं पर पहले किसी एक हाई कोर्ट में सुनवाई हो। हाई कोर्ट का रुख सामने आने के बाद सर्वोच्च अदालत के लिए आगे सुनवाई करना बेहतर होगा।
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