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असली शिवसेना कौन जंग जारी है
महाराष्ट्र में सीएम बदलने के बाद अब सियासत असली शिवसेना को लेकर होने लगी है। लेकिन सवाल यह कि असली शिवसेना किसकी? उद्धव गुट और शिंदे गुट दोनों ने शिवसेना को लेकर ताल ठोक दी है। 8 अगस्त के बाद इसका निराकारण हो सकता है । चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट से दस्तावेजी सबूत मांगे है। जिनसे यह साफ हो सके कि शिवसेना में किसका बहुमत है। दोनों ही धड़ों को 8 अगस्त तक ये सबूत भेजना है और इसी दिन से सुनवाई होगी। पार्टी में बगावत की शुरुआत एकनाथ शिंदे ने की थी, जो अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। अधिकांश विधायक उनके साथ हैं, वहीं 19 में से 12 सांसदों ने भी शिंदे को अपना नेता चुन लिया है। पार्टी का दावा करने के लिए दोनों ही गुट चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटा चुके हैं। उद्धव ठाकरे गुट की ओर से अनिल देसाई ने कई मौकों पर चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दावा किया है कि पार्टी के कुछ सदस्य पार्टी विरोधी गतिविधि में शामिल हैं। उन्होंने शिंदे गुट द्वारा 'शिवसेना' या 'बाला साहब' नामों का उपयोग करके किसी भी राजनीतिक दल की स्थापना पर भी आपत्ति जताई थी। अनिल देसाई ने एकनाथ शिंदे, गुलाबराव पाटिल, तांजी सावंत और उदय सामंत को पार्टी पदों से हटाने की मांग की थी। अब एकनाथ शिंदे खेमे ने चुनाव चिन्ह आदेश, 1968 के पैरा 15 के तहत एपार्टी का चिन्ह 'धनुष और तीर' आवंटित करने के लिए भी याचिका दायर की गई थी। . शिंदे ने चुनाव आयोग को यह भी बताया है कि 55 में से 40 विधायक, विभिन्न एमएलसी और 18 में से 12 सांसद उनके साथ हैं। अभी तक यह पूरा विवाद सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। उद्धव ठाकरे और शिंदे दोनों शिवसेना के लिए लड़ रहे हैं।
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