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मदिर परिसर पहुँच रहे लोग , दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद
प्रदेश के साथ मंदसौर जिले में भी बारिश का दौर जारी है। अधिक बारिश के चलते शिवना नदी उफान पर आ गई है। वहीं शिवना नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। शिवना नदी का जलस्तर पशुपति नाथ मंदिर गर्भगृह तक पहुँच चुका है। सुबह शिवना नदी ने भगवान पशुपतिनाथ के चरण पखारे और सुबह 8 बजे तक भगवान पशुपतिनाथ के आठों मुख तक पानी पहुंच गया।शिवना के इस रूप को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच रहे हैं। शिवना का जल स्तर बढ़ने से मुक्तिधाम की छोटी पुलिया एवं मुक्तिधाम परिसर भी जलमग्न हो गया। जिले में पिछले 24 घंटे में करीब 100 मिमी वर्षा हुई है। सबसे ज्यादा धुंधडका में 190 मिमी, सुवासरा में 130 और मंदसौर में 114 मिमी वर्षा हुई। मंदसौर जिले में अब तक लगभग 24 इंच वर्षा हो चुकी है।लगातार बारिश से शहर में वर्षा के पानी की निकासी की व्यवस्था भी ध्वस्त हो चुकी है। स्टेडियम मार्केट, धान मंडी, रेलवे स्टेशन क्षेत्र में दुकानों में पानी घुस गया। नगर पालिका अध्यक्ष रामादेवी गुर्जर उपाध्यक्ष नम्रता चावला ने नगर पालिका अमले के साथ मंगलवार सुबह निचली बस्तियों में पहुंचकर निरीक्षण किया। इसके अलावा पंप हाउस की व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए। पानी की तेज आवक को देखते हुए काला भाटा बांध के पांच गेट खोले गए, जिसके बाद राम घाट बांध, पशुपतिनाथ मंदिर और मुक्तिधाम क्षेत्र में शिवना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है । हालांकि बाबा पशुपतिनाथ की प्रतिमा का शिवना के जल से अभिषेक करना मंदसौरवासियों के लिए शुभ माना जाता है। इस सहयोग के बाद मंदिर में ढोल नगाड़े बजना शुरू हो गए। अब से पहले 2019 मे आई बाढ़ में पूरा पशुपति नाथ मंदिर ही जलमग्न हो गया था। मंदिर का केवल शिखर ही नजर आ रहा था। हालांकि इस बार ऐसी स्थिति नहीं है ऐसी स्थिति नहीं है। लेकिन अष्टमुखी प्रतिमा के नीचे हिस्से के चार मुख पुरी तरह जलमग्न हो गए। मंदिर परिसर में पानी बढ़ता देख दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद कर दिया गया है।
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