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घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज मिलने का दावा
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर आबकारी नीति घोटाले को लेकर सीबीआई शिकंजा कसता जा रहा है। इस मामले में छापेमार कार्रवाई की गई।
छापे में घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज मिलने का दावा किया गया है। वहीं मनीष सिसोदिया ने कहा है कि वे सीबीआई से नहीं डरते हैं क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह शराब नीति और उसमें किसी तरह की गड़बड़ी का मामला नहीं है। सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल से डर गई है। इस बात स डर गई है कि केजरीवाल को देशभर से समर्थन मिल रहा है। उनकी नीतियों की तारीफ न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे अखबार कर रहा है। देश अब मोदी जी से परेशान हो गया है। लोग कह रहे हैं कि हम राज्य में सरकार चुनते हैं, और मोदी जी हर समय इन सरकारों को गिराने में लगे रहे हैं। इसलिए जनता अब समझ गई है कि अब मोदीजी का विकल्प मिल गया है। 2024 का चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम अरविंद केजरीवाल होने जा रहा है। वहीँ कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भ्रष्टाचार के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस नेता अलका लांबा और अभिषेक दत्त ने भी कहा कि मनीष सिसोदिया को अपने पद से इस्तीफा दे। गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्य सचिव ने नई आबकारी नीति में अनियमितता को उजागर किया था। इसके बाद उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने गृह मंत्रालय से इस पूरे मामले की CBI से जांच कराने की सिफारिश की थी। FIR के अनुसार दिल्ली की आबकारी नीति को बनाने और लागू करने में हुई अनियमितताओं में मुंबई स्थित इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, लखनऊ के गोमती नगर स्थित परनोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, दिल्ली के कालिदी कुंज स्थित ब्रींडको सेल्स के निदेशक अमनदीप ढल और जोरबाग स्थित इंडोस्पिरीट के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। एल-वन लाइसेंस लेने वाली कई कंपनियों ने रिटेल वेंडर्स को क्रेडिट नोट जारी किया। इससे हुई आमदनी को ऊपर तक पहुंचाया गया।
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