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भारत -पाकिस्तान युद्ध नहीं नहीं झेल पाएंगे
आतंकवाद फैलाने और आतंवादियों का समर्थक पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीर राग अलाप रहा है। पाकिस्तान में सरकारें बदली लेकिन नहीं बदला उनका एजेंडा। कश्मीर रुख में पाकिस्तानी नेताओं का कोई बदलाव नहीं आया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने अमेरिका में हुए एक कार्यक्रम में कश्मीर मुद्दा उठाया । उन्होंने कहा पाकिस्तान हमेशा क्षेत्र में शांति का पक्षधर रहा है। लेकिन जब तक कश्मीर मुद्दा हल नहीं हो जाता, यह शांति संभव नहीं है। भारत और पाकिस्तान, दोनों के लिए जरूरी है कि विवाद का हल वार्ता के जरिए हो, क्योंकि दोनों ही देश एक और युद्ध बर्दाश्त नहीं करने की स्थिति में नहीं हैं। दरअसल हावर्ड यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान छात्रों को संबोधित करते हुए शाहबाज शरीफ ने कहा, क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पाकिस्तान दृढ़ संकल्प है, लेकिन दक्षिण एशिया में स्थायी शांति संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीरियों की इच्छाओं के अनुरूप कश्मीर मुद्दे के समाधान से जुड़ी हुई है और इससे कुछ भी कम में शांति बहाली संभव नहीं है। इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच व्यापार, अर्थव्यवस्था और अपने लोगों की स्थिति में सुधार के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। पाकिस्तान की पेशेवर रूप से प्रशिक्षित सेना और परमाणु हथियार किसी को डराने के लिए नहीं है। हम अपनी सेना पर खर्च करते हैं ताकि अपनी सीमाओं की रक्षा हो सके, न कि किसी को डराने के लिए आक्रामक होने के लिए। शरीफ ने यह भी कहा कि हम बातचीत के जरिए भारत के साथ स्थायी शांति चाहते हैं क्योंकि युद्ध किसी भी देश के लिए कोई विकल्प नहीं है। आतंकियों का समर्थक पाकिस्तान के नेताओं के मुंह से शान्ति की बात शोभा नहीं देती। पाकिस्तान पहले ही चीन के जाल फंसा हुआ है। पाकिस्तान कर्ज उतारने और अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने कभी चीन , कभी OIC संगठन तो कभी IMF के सामने हाथ फैलाता है। लेकिन बातें युद्ध की करता है। 1965 और 1971 ,और कारगिल युद्ध में भारत की पीठ पर छूरा घोपने वाल पाकिस्तान कश्मीर में शांति चाहता है।
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