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तीनो सेनाओं को सुरक्षा निगरानी के लिए मिलेंगे ड्रोन
अमेरिका भारत को सबसे खतरनाक ड्रोन MQ-9B रीपर देने वाला है। इसकी खरीद को लेकर भारत और अमेरिका के बीच बातचीत अपने अंतिम चरण में है। भारत ने तीन अरब डॉलर से अधिक की लागत के 30 एमक्यू-9बी रीपर ड्रोन खरीदने की प्रक्रिया को गंभीरता से आगे बढ़ाया, है।
पाकिस्तान और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और हिंद महासागर में बढ़ते तनाव को देखते हुए इसे महत्वपूर्ण समझा जा है । आपको बता दें एमक्यू-9 रीपर का इस्तेमाल हेलफायर मिसाइल के उस संशोधित संस्करण को दागने के लिए किया गया था जिसने पिछले महीने काबुल में अल-कायदा सरगना अयमान अल-जवाहिरी को मार गिराया था। इसकी दुनिया भर में मांग है, लेकिन अमेरिका के कुछ खास सहयोगी देशों को ही ये दिया गया है।
ये MQ-9 रीपर ड्रोन समुद्री सतर्कता, पनडुब्बी रोधी आयुध, आकाश में लक्ष्य साधने और जमीन पर मौजूद लक्ष्यों को निशाना बनाने समेत विभिन्न कार्य करने में सक्षम हैं। इसे निगरानी, खुफिया जानकारी जुटाने और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने सहित कई मकसदों के लिए तैनात किया जा सकता है। खरीद पूरी होने पर तीनों सेनाओं को 10-10 ड्रोन मिलने की संभावना है। इसके शामिल होने से भारतीय सेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी। बताया जा रहा है की यह ड्रोन भारत ने प्रयोग के तौर पर इस्तेमाल भीकिया है। इससे भारत अपने बॉर्डर इलाकों के साथ समुद्री सीमा की भी निगरानी कर सकेगा। हाल ही में विदेश मंत्री इस जयशंकर ने बयान दिया है की चीन संबंधों को खराब कर रहा है। चीन भारत के बीच के समझौते को कई बार लाँघ चुका है। ऐसे में एक पक्षीय समझौते पर ठीके रहना एक पक्ष के लिए संभव नहीं है। इससे भारत चीन के रिश्तों में फर्क पड़ेगा। हाल ही में चीन ने हम्बन टोटा श्रीलंका में अपना जासूसी जहाज भेजा। जिसका भारत ने विरोध भी जताया था। लेकिन श्रीलंका ने दबाव के चलते चीनी जासूसी जहाज को आने की अनुमति दे दी थी। परिस्थितियों को देखते हुए ड्रोन MQ-9B महत्वपूर्ण हो जाता है।
MadhyaBharat
22 August 2022
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