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शिवराज :अब मध्यप्रदेश चीता स्टेट भी होने वाला है
अफ्रीका से चीते आने को लेकर देश में लोग काफी उत्साहित है। 1948 के बाद एक बार फिर भारत में चीते दिखेंगे। एक समय था जब भारत पाले जाते थे। लेकिन समय के साथ राजाओं महाराजाओं , मुगलों और फिर अंग्रेजों ने चीतों को समाप्त करने में अहम् भूमिका निभाई। अब एक बार फिर पीएम मोदी के प्रयासों से नामीबिया से 8 चीते भारत लाए जा रहे हैं। जिसको लेकर प्रदेश के तमाम लोगों को उस पल का इंतजार है, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्योपुर के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए जा रहे चीतों को पिंजरों से छोड़ेंगे। प्रदेश की भूमि पर एक बार फिर चीते अपनी शानदार तेज रफ्तार के साथ पर्यटकों को मोहित करते नजर आएंगे। चीते आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी काफी उत्साहित और खुश हैं। चीता परियोजना के लिए प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क का चयन किए जाने को लेकर एक बार फिर पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया है। इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा, 'मैं हमारे प्रदेश का सौभाग्य मानता हूं। हम टाइगर स्टेट तो है ही, लेपर्ड स्टेट भी हैं, अब मध्यप्रदेश चीता स्टेट भी होने वाला है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री जी और भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं। यहां वाइल्ड लाइफ पनपेगी और कई गांव हटाए थे ताकि वह सुरक्षित सेंचुरी बने। जहां चीते आएं और बाकी तरह की वाइल्ड लाइफ भी वहां रहे। अब वह सपना साकार हो रहा है संकल्प पूरा हो रहा है। नामीबिया से चीते आ रहें है चीते आना यह असाधारण घटना है। असाधारण इसलिए क्योंकि लगभग 1952 के आस -पास हमारे देश में चीतों का अस्तित्व समाप्त हो गया। अब दूसरे महाद्वीप से चीते लाकर उनको यहां पुनर्स्थापित कर रहे हैं। शायद यह इस सदी की सबसे बड़ी घटना है दूसरा महाद्वीप से चीजों को लाकर हम बसाएंगे। कोशिश यह करेंगे कि स्वाभाविक रूप से चीते का परिवार बढ़ता रहे।'
मैं मध्यप्रदेश का सौभाग्य मानता हूं कि हम टाइगर स्टेट थे, लेपर्ड स्टेट हैं और अब चीता स्टेट भी होने वाले हैं। उन्होंने कहा चीता आना, एक विलुप्त होती हुई प्रजाति को फिर से पुनर्स्थापित करने का काम तो है ही, लेकिन यह पर्यावरण का संतुलन भी बनाएंगे। वाइल्ड लाइफ समृद्ध होगी। केवल इतना ही नहीं, श्योपुर जिले और उसके आस-पास रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
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