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उपराज्यपाल के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट्स को हटाने का निर्देश
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ की गई अपमानजनक पोस्ट्स को हटाने का निर्देश दिया है। यह आप पार्टी के लिए सीख के साथ तगड़ा झटका भी है। उपराज्यपाल की निर्देशों की अवहेलना करना और फिर उनके खिलाफ बयानबाजी आमआदमी पार्टी के अजेंडे में आ गया था। 22 सितंबर को एलजी सक्सेना ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया थ और अपने तथा अपने परिवार के खिलाफ आम आदमी पार्टी द्वारा लगाए गए 'झूठे' आरोपों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के आदेश की मांग की थी। आम आदमी पार्टी ने दावा किया था कि उपराज्यपाल खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थे। एलेजी सक्सेना ने AAP नेता आतिशी सिंह, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, संजय सिंह और जैस्मीन शाह के खिलाफ सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ झूठे और मानहानिकारक पोस्ट प्रसारित करने के खिलाफ याचिका दायर की थी। साथ ही आम आदमी पार्टी और उसके पांच नेताओं से 2.5 करोड़ रुपये के हर्जाने की भी मांग की थी। अब आम आदमी पार्टी को ये झटका दिल्ली की हाई कोर्ट ने दिया है। आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा कई दिनों से अनर्गल टिप्पणियां की जा रही है। आम आदमी पार्टी के नेता खुद को साफ़ स्वच्छ और दूसरों पर हमेशा आरोप लगाए हैं। लेकिन कुछ शराब घोटाला और मंत्री उपेंद्र जैन से उपजा विवाद आम आदमी पार्टी की पोल खोल कर रख दी है। अब विपक्ष ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को कटघरे में खड़ा कर दिया है। दिल्ली मिल रही फ्री सेवाओं को लेकर खड़े हो रहे हैं। वहीं इस पर गुजरात में केजरीवाल ने कहा कि जहाँ आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं है वहां की सरकारें का करोड़ों के कर्ज में है। गुजरात 3. 5 लाख करोड़ के कर्ज में हैं। यहाँ फ्री में नहीं दिया गया तो पैसा कहाँ गया। उन्होंने इसके लिए भ्र्ष्टाचार को जिम्मेद्दार माना है।
MadhyaBharat
27 September 2022
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